मथुरा: जल्द ही मथुरा जेल परिसर में बनने वाले रेस्टोरेंट में बाहर से आकर लोग जायकेदार व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे. इस रेस्टोरेंट के मुख्य व्यंजनों में से एक 'जेल थाली' होगी. इसे एक ट्रेड मार्क की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. इस थाली की यह विशेषता रहेगी कि जो बंदी जेल में निरुद्ध हैं, उन्हें जो खाना परोसा जाता है यह हूबहू वही खाना होगा.
डिप्टी जेलर संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रस्ताव अपराध निरोधक समिति द्वारा कारागार को उपलब्ध कराया गया है. उन्हीं की ओर से शासन को यह प्रस्ताव भेजा गया है. रेस्टोरेंट का पूरा सेटअप जेल के बैरक की तरह होगा. वहां आम जनता आकर अपने मनचाहे खाने का आर्डर कर सकते हैं.
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बताया कि कई बार कारागार में ऐसे लोग भी बंदी के रूप में आ जाते हैं जिनका पेशा कुकिंग होता है. ऐसे में इन लोगों को लेकर ही रेस्टोरेंट शुरू करने की योजना है. अंदर से खाना बनकर रेस्टोरेंट चला जाएगा.
अगर प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो हम जिला कारागार के मुख्य द्वार के पास रेस्टोरेंट का निर्माण कराएंगे. खाने के जितने भी व्यंजन रेस्टोरेंट में मिलते हैं, हम कोशिश करेंगे कि वह सारे उपलब्ध कराएं. साथ ही हम एक स्पेशल थाली रखेंगे जिसका नाम जेल थाली होगा. इसमें हम वह व्यंजन देंगे जो जेल के आम बंदियों को दिया जाता है. जैसे रोटी, दाल व सब्जी.
दरअसल, अपराध निरोधक समिति द्वारा कारागार प्रशासन और शासन को जेल परिसर में एक जेल रेस्टोरेंट बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है. अगर प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो जल्द ही जेल के मुख्य द्वार के पास एक जेल रेस्टोरेंट का निर्माण जेल प्रशासन द्वारा कराया जाएगा.
यह रेस्टोरेंट हु-ब-हूं जेल के अंदर के बैरक जैसा होगा. साथ ही इस रेस्टोरेंट में सभी व्यंजन आम लोगों के लिए उपलब्ध होंगे. इस नई पहल से कैदियों को भी उनका जीवन सुधारने और नए गुर सीखने में खासी मदद मिलेगी.