मथुरा: कान्हा की नगरी मथुरा में बसंत पंचमी के साथ ही होली पर्व की शुरुआत हो जाती है. मथुरा के तमाम मंदिरों में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं. किसी मंदिर में लड्डू की होली होती है तो कहीं फूलों और रंगों की. वहीं, बरसाना में विश्व प्रसिद्ध लठमार होली का आनंद भी देखने को मिलता है. मथुरा में होली खेलने के लिए देश ही नहीं, विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु भक्त मथुरा पहुंचते हैं. वहीं मथुरा में राधारानी की जन्मस्थली बरसाने में लठमार होली की तैयारियां शुरू हो गईं हैं. प्रशासन की तरफ से भक्तों की सुख-सुविधा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी ने पुलिस अधिकारियों, मजिस्ट्रेट व मंदिर प्रशासन के साथ समन्वय बैठक की. इस दौरान तमाम व्यवस्थाओं जैसे पेयजल, रोशनी, साफ सफाई या देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन को सुलभ बनाने की चर्चा की गई. इस दौरान सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किए जाने के दिशा निर्देश दिए गए. बैठक में मौजूद मथुरा जिलाधिकारी नवनीत चहल ने बताया कि बरसाना के श्रीजी मंदिर में 10 मार्च को प्रसिद्ध लड्डू मार होली खेली जाएगी. इसके बाद 11 और 12 मार्च को बरसाना के नंदगांव में लठमार होली का आयोजन होगा. इस दौरान एक बड़े मेले का आयोजन होगा. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि होली के त्यौहार को लेकर बैठक की गई है. जिन अधिकारियों को जो जिम्मेदारियां दी गईं हैं या जिन विभागों के जो दायित्व हैं उनको निर्देशित किया गया है. इस मेले को कैसे सुरक्षित और सुगम बनाने को लेकर चर्चा की गई. यहां एक बड़ा राष्ट्रीय स्तर का मेला लगता है, जिसमें देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. मेले को अच्छे ढंग से संपन्न कराने की तैयारी है.
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मथुरा में 5 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी को गुलाल लगाने की परंपरा है. इसके बाद 10 मार्च को बरसाना में लड्डू मार होली होती है. 11 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाती है. फिर 12 मार्च को नंद गांव में लठमार होली होती है. 14 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मभूमि और द्वारकाधीश मंदिर में रंगों की होली होती है. इसके बाद 14 मार्च को ही बिहारी जी मंदिर में होली खेली जाती है. 16 मार्च को छड़ी मार होली गोकुल में होती है. 18 मार्च को होलिका दहन के बाद 19 मार्च को रंगों की होली होती है. फिर 20 मार्च को हुरंगा बलदेव में होली होती है.
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