मथुराः भारत में सभी त्योहार पर्व के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं. हिंदू धर्म में एक ऐसा पर्व भी होता है जो कि महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखकर करती हैं. यह पर्व करवा चौथ का पर्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है. इस बार करवा चौथ 24 अक्टूबर रविवार को मनाया जाएगा. जिसको लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. महंगाई का असर करवा चौथ पर भी दिखाई दे रहा है. महिलाओं का कहना है कि वह खरीदारी तो कर रही हैं, लेकिन बजट खराब होने के कारण वह मनचाही वस्तुएं नहीं खरीद पा रही है.
करवा चौथ के मौके पर सजने सवरने के लिए महिलाओं को इस बार और रुपये खर्च करने होंगे. क्योंकि साड़ियों से लेकर सभी श्रृंगार के सामान के दाम बढ़ गए हैं. महिलाओं का कहना है कि वह बजट के अंदर रहकर ही खरीदारी कर रही हैं. अगर उन्हें गहने खरीदने हैं तो वह पहले जितने वजन के गहने खरीदती थी. उससे आधे वजन के गहने खरीद रही हैं.
महिलाओं का कहना है कि खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर श्रृंगार के सभी सामान के दाम बढ़ चुके हैं, जिसका सीधा असर त्योहार पर भी देखने को मिलत रहा है. त्योहार तो हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे, लेकिन जितनी खुशी उन्हें खरीदारी करने में पहले हुआ करती थी. अब वह गायब है. महिलाओं का कहना है कि हमें बजट में रहकर खरीदारी करनी पड़ रही है. हम अपनी इच्छा के अनुसार खुशी से खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं.
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दुकानदारों का कहना है कि पहले उन्होंने कोरोना की मार झेली और अब वह महंगाई की मार झेल रहे हैं. महंगाई के कारण दुकानदारी पर काफी प्रभाव पड़ा है, जो महिलाएं एक हजार रुपये का सामान खरीदती थीं. वह अब केवल 500 में ही काम चला रही हैं. जो खुशी महिलाओं में पहले करवा चौथ के समय में खरीदारी करने में देखी जाती थी. वह कहीं गायब सी नजर आ रही है. मन मार कर महिलाएं बाजारों में खरीदारी कर रही हैं. पैसों को लेकर दुकानदारों को महिलाओं के साथ काफी नोकझोंक भी करनी पड़ रही है, क्योंकि हर महिला बजट के अनुसार सामान खरीदना चाहती हैं.