मथुरा: बहुचर्चित जवाहर बाग हत्याकांड की 5वीं बरसी पर शहीद एसपी सिटी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने घटनास्थल पर जाकर शहीद पति मुकुल द्विवेदी को श्रद्धांजलि दी. मन भावुक करते हुए शहीद की पत्नी ने एक बार फिर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन खाली कराते समय मेरे पति की जान चली गई. सीबीआई जांच अभी तक अधूरी पड़ी हुई है. छोटी सी शहीद की प्रतिमा स्थापित करने की बात कही गई थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हुई. बता दें कि 2 जून 2016 को जवाहर बाग में सरकारी जमीन खाली कराते समय हिंसक घटना हुई थी, जिसमें 29 लोगों की जान चली गई थी.
जवाहर बाग कांड की 5वीं बरसी
सिविल लाइन क्षेत्र स्थित जिला उद्यान विभाग की 270 एकड़ जमीन में जवाहर बाग है. यह वही जवाहर बाग है, जिस पर कथित सत्याग्रहियों ने अवैध कब्जा कर लिया था. सरकारी भूमि खाली कराते समय हिंसक घटना हुई थी, जिसमें दो पुलिस अधिकारी सहित 29 लोगों की जान चली गई थी. आज जवाहर बाग कांड की 5वीं बरसी पर एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने शहीद पति की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी.
क्या हुआ था 2 जून 2016 को
2 जून 2016 शाम 4:00 बजे सरकारी जमीन खाली कराने के लिए जिला प्रशासन पुलिस फोर्स के साथ जवाहर बाग में दाखिल हुआ था. दूसरी ओर से मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव के साथ हजारों की संख्या में कथित सत्याग्रहियों ने पुलिस-प्रशासन के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और थानाध्यक्ष संतोष यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस घटना में दो पुलिस अधिकारी सहित 29 लोगों की जान चली गई, जिसमें रामवृक्ष यादव भी मारा गया था.
जवाहर बाग कांड की हुई थी सीबीआई जांच
सरकारी जमीन खाली कराते समय पुलिस-प्रशासन के साथ हुई हिंसक घटना की जांच प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने सीबीआई से कराने के आदेश दिये थे. कुछ दिन बाद सीबीआई टीम ने घटनास्थल पर जाकर साक्ष्य इकट्ठा किए. पुलिसकर्मियों से लेकर अधिकारियों तक के बयान भी दर्ज किये गए, लेकिन अभी तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी. यह भी नहीं पता चल सका कि किन लोगों के इशारे पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कराया जा रहा था.
न्याय के बजाय मिला केवल आश्वासन
शहीद एसपी सिटी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने प्रदेश सरकार से एक बार फिर गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि शहीद के नाम से जवाहर बाग में प्रतिमा स्थापित की जाए ताकि लोग शहीद को याद कर सकें. सीबीआई जांच भी अभी तक अधूरी पड़ी हुई है. कई बार अधिकारियों से मिलकर जांच आगे बढ़ाने की मांग की गई. स्थानीय नेता व प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेजे गए, लेकिन वहां से भी केवल अभी तक आश्वासन दिया गया है. उन्होंने मांग की है कि जवाहर बाग में एक छोटा सा टुकड़ा उन्हें दे दिया जाए ताकि वह उस स्थान पर शहीद स्मारक बना सकें.
अभी तक नहीं स्थापित की गई शहीद की प्रतिमा
शहीद एसपी सिटी के परिजन सतीश पांडे ने बताया कि पांच साल पहले जो स्थितियां थीं, वही आज बनी हुई हैं. एक पुलिस अधिकारी सरकारी भूमि को खाली कराते समय शहीद हो गया, लेकिन जवाहर बाग में अभी तक शहीद की प्रतिमा स्थापित नहीं की गई. आज उनकी पुण्यतिथि है. हम लोगों ने यहां आकर शहीद एसपी सिटी को श्रद्धांजलि दी.