मथुराः उत्तर भारत समेत कई राज्यों में भारी बारिश के चलते यमुना नदी उफान पर है, जिसके चलते दिल्ली के बाद यमुना में भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया. शहर के विश्राम घाट स्थित आरती स्थल पर यमुना का पानी घाट के किनारे बनी 5 सीढ़ियां पानी में डूब गईं. तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट और गाइडलाइन जारी की है.
शहर के विश्राम घाट, अस कुंडा, वृंदावन के केसी घाट, चीर घाट और परिक्रमा मार्ग में यमुना नदी का पानी पहुंच गया है. नदी के किनारे रह रहे लोगों को चेतावनी जारी की गई है. गहरे पानी की ओर किसी भी व्यक्ति को नहीं जाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन ने उन्हें अपने खाने-पीने और जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है, इस दौरान गोकुल बैराज पर बने बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर भी निगरानी रखी जा रही है. बुधवार की देर रात जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने यमुना नदी के किनारे निरीक्षण किया.
गोकुल बैराज के 7 गेट खोलेः भारी बारिश और हथिनी कुंड से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद से यमुना नदी का जलस्तर खतेर के निशान के करीब बह रहा है. इसको देखते हुए जिले में बने गोकुल बैराज के 7 गेट खोल कर पानी आगरा की ओर डिस्चार्ज किया जा रहा है. क्योंकि, बीते कई दिनों से मैदानी इलाकों में भारी बारिश के चलते हथिनी कुंड बैराज से पानी निरंतर छोड़ा जा रहा है.
1978 बाढ़ को याद करने लगे हैं लोगः यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद से लोगों के जहन 1978 के बाढ़ की याद ताजा हो गई है. उस समय भी भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर थीं और यमुना नदी में बाढ़ आ गई थी. हालत ये थी कि शहरों और गलियों तक में पानी पहुंच गया था. घरों में पानी घुसने के बाद चौक बाजार, छात्ता बाजार, विश्राम घाट, अस कुंडा इलाकों में नाव चलने लगी थीं. फिलहाल जिस तरह से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा, उसे लेकर लोगों के मन बाढ़ को लेकर डर घर करता जा रहा है.
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