मथुरा: केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह शनिवार को धर्म नगरी वृंदावन पहुंचे. यहां उन्होंने छटीकरा मार्ग स्थित श्री प्रियाकांत जू मंदिर में श्रावण मास के मौके पर चल रहे सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं शिव आराधना महोत्सव में सहभागिता की. साथ ही उन्होंने पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर पुण्य कमाया.
इस दौरान पत्रकारों से रूबरू हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि वह शिव को गुरु के रूप में मानते हैं. पार्थिव पूजा और पार्थिव महादेव को बनाने का कार्यक्रम पूरे सावन भर चल रहा है. महाराज देवकीनंदन जी के आश्रम में आकर वह पार्थिव महादेव को बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह आज यहां पूजा करेंगे और उसके बाद दिल्ली लौट जाएंगे.
पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन एवं भाजपा के जन आशीर्वाद अभियान के प्रश्न पर कहा कि हमारी पार्टी के मंत्रियों द्वारा सर्वसमाज के लोगों से आशीर्वाद लिया जा रहा है. वहीं ब्राह्मणों पर राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि समाज की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा ब्राह्मणों के हाथ में आदिकाल से है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामाजिक समरसता की रक्षा की है. इसलिए ब्राह्मण योगी जी के साथ हैं. वहीं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि जिस तरह अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है, उसी प्रकार मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि थी, है और रहेगी.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हम लोग जातीय सम्मेलन नहीं करते, हम सर्वसमाज का सम्मेलन करते हैं. जो भारत सरकार में मंत्री बने हैं, उनको और जो अभी-अभी मंत्री बने हैं, वह जनता के बीच आशीर्वाद लेने के लिए निकल रहे हैं. आशीर्वाद लेना कौन सा गुनाह है. हम आशीर्वाद ब्राह्मण से भी लेंगे, अनुसूचित जाति के लोगों से भी लेंगे, मुसलमान से भी लेंगे, समाज के हर वर्ग से हम आशीर्वाद लेंगे.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि लोग जानते हैं कि समाज की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा ब्राह्मणों के हाथ में आदिकाल से है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामाजिक समरसता की रक्षा की है. इसलिए ब्राह्मण योगी जी के साथ हैं. ऐसे इसलिए क्योंकि ब्राह्मण भी सनातन के रक्षक हैं और योगी जी भी सनातन के रक्षक हैं.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि दुनिया जानती है कि अयोध्या राम की जन्मभूमि है और मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है. उन्होंने कहा कि वह न्यायालय के मामले में दखल नहीं देते हैं. न्यायालय जाना सभी का अधिकार है, लेकिन उन्होंने सनातन धर्म में बचपन से यही जाना है कि प्रभु श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ और प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ. हम यहीं जानते हैं और यहीं मानते हैं. उसको हम कभी भुला नहीं सकते.