मथुरा: अपर जिला नयायाधीश सिक्स की कोर्ट में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्म भूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर वादी महेंद्र प्रताप सिंह की रिवीजन प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया और पत्रावली लोअर कोर्ट में भेजने के आदेश किए गए हैं. वादी ने रिविजन प्रार्थना पत्र न्यायालय में दाखिल करते हुए मांग की कि शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे होना चाहिए. मौके पर सरकारी अमीन द्वारा भौगोलिक स्थिति रिपोर्ट तैयार करके न्यायालय में पेश करें. उस मांग को कोर्ट ने वादी के प्राथना पत्र को निरस्त कर दिया.
रिविजन प्रार्थना पत्र कोर्ट ने किया निरस्त
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष वादी महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा अपर जिला न्यायाधीश की कोर्ट में आठ माह पूर्व रिवीजन प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की गई थी कि शाही ईदगाह मस्जिद का सरकारी अमीन के द्वारा सर्वे कराना जरूरी है. मौके की भौगोलिक स्थिति की रिपोर्ट तैयार करके न्यायालय में पेश की जाए. अपर जिला न्यायाधीश सिक्स की कोर्ट ने 20 मार्च को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद डिवीजन प्रार्थना पत्र का आर्डर रिजर्व में रख लिया था. 25 मार्च को सुनवाई की तारीख लगी. लेकिन शनिवार को नो वर्क था. कोर्ट ने अपना आदेश जारी कर दिया और वादी के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया गया है.
लोअर कोर्ट में होगी सुनवाई
अपर जिला न्यायाधीश सिक्स ने वादी महेंद्र प्रताप सिंह की रिवीजन प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए पूरी पत्रावली लोअर कोर्ट को भेजी जाएगी. लोअर कोर्ट में सेवन रूल इलेवन पर पहले सुनवाई होगी, जो कि मुस्लिम पक्ष शुरू से मांग कर रहा था. लेकिन वादी हाई कोर्ट जाने की बात कह रहा है.
मुस्लिम पक्ष ने रखी थी मांग
वादी महेंद्र प्रताप सिंह डिवीजन प्रार्थना पत्र न्यायालय में दोनों पक्षों की ओर से कई दिनों तक बहस चली. अधिवक्ताओं द्वारा अपनी-अपनी दलीलें दी गई. वादी के द्वारा कहा गया कि पहले सरकारी अमीन के द्वारा सर्वे होना जरूरी है. लेकिन मुस्लिम पक्ष अधिवक्ता ने कहा कि पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई जरूरी है. पहले यह तो तय हो जाए की डिवीजन सुनने लायक है या नहीं.
वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया आज न्यायालय द्वारा हमारे प्रार्थना पत्र डिवीजन को निरस्त कर दिया है. हमने मांग की थी कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का सर्वे होना जरूरी है. कोर्ट कमीशन की नियुक्ति की जाए. लेकिन रिवीजन खारिज होने के बाद हम लोग हाईकोर्ट जाएंगे. यहां से पत्रावली लोअर कोर्ट भेजी जाएगी.
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