मथुरा: यमुना नदी में शुद्ध जल छोड़ने को लेकर समाजसेवियोंं ने वृंदावन थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिहारी जी घाट पर रेती से स्नान कर अनोखा प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन सरकार के समक्ष गंगा दशहरे के पर्व को लेकर यमुना में शुद्ध जल छोड़ने के लिए किया गया. समाजसेवियों ने बताया कि यमुना का जल इतना दूषित हो चुका है कि उसमें स्नान करना, आचमन करना बहुत मुश्किल है. हम सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि यमुना नदी में गिरने वाले नालों को टेप कर, उसमें शुद्ध जल छोड़ा जाए.
यमुना में गिरते हुए गंदे नालों और यमुना के गंदे जल को लेकर लगातार साधु-संत और समाजसेवी आवाज उठाते रहे हैं. इसी क्रम में वृंदावन थाना क्षेत्र के बिहारी जी घाट पर समाजसेवियों ने रेत से स्नान कर अनोखा प्रदर्शन किया गया. समाजसेवी ताराचंद गोस्वामी ने बताया कि हमने रेत से स्नान किया है. गंगा दशहरा का पावन पर्व है, लेकिन यमुना नदी में दूषित पानी छोड़ दिया गया है.
गंदे नाले सीधे यमुना में गिर रहे हैं
इन सभी ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया, जिससे धर्म की आस्था रखने वाले लोग, संत लोग, महात्मा लोग, भक्त लोग यहां स्नान न कर सकें, न आचमन कर सकें. आप देख रहे हैं कि गंदे नाले सीधे यमुना नदी में गिर रहे हैं. अगर यमुना में कोई व्यक्ति स्नान करेगा तो निश्चित रूप से उसे फोड़ा, फुंसी, खाज-खुजली जैसी अनेक बीमारियां लगेंगी.
दशहरे के पर्व पर गंगा का पानी छोड़ने की मांग
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लॉकडाउन तो लागू कर दिया गया. लोगों के सामने रोजी-रोटी का सवाल खड़ा हो गया है. जब यहां पर कोई पर्यटक नहीं आएगा, यात्री नहीं आएगा तो इन नाव में कौन बैठने वाला है. समाजसेवियों ने कहा कि पहले गडकरी कहते थे मैं दिल्ली से आगरा तक स्ट्रीमर चलाऊंगा, क्या वास्तव में आप स्ट्रीमर चलाएंगे. आपको ज्ञान है क्या कभी आपने ब्रज में आकर कभी नाव में घूमकर देखा है. स्ट्रीमर तो बहुत बड़ी बात है. हमारी सरकार से मांग है कि यमुना में दशहरे के पर्व को लेकर गंगाजल छोड़ा जाए.