मथुराः जिले में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है. 6 दिसंबर को साधु-संत और सामाजिक संगठनों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर (Shri Krishna Janmasthan Temple) के दर्शन और जिले में कार्य सेवा की घोषणा की है. इसी को लेकर श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा अधिकारियों ने लिया है. किसी भी शख्स को सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न करने की हिदायत दी गई है. अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के संदेश दिये गये हैं.
6 दिसंबर को वृंदावन के साधु-संत और सामाजिक संगठन आगामी 6 दिसंबर को शौर्य दिवस मनाने जा रहे हैं. इसके साथ ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में दर्शन और कार्य सेवा की घोषणा की है. जिसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर जनपद के न्यायालय में मामला अभी विचाराधीन है. हिंदू राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष राजश्री ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 6 दिसंबर को शाही ईदगाह मस्जिद परिषद में लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करेंगे.
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जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. किसी भी प्रकार से नियमों के खिलाफ आयोजन नहीं किए जा सकते. सोशल मीडिया के माध्यम से जो आह्वान किए जा रहे हैं. उस संबंध में जिले वासियों से अपील की जा रही है कि ऐसे आयोजन पर ध्यान न दिये जाएं. जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखी जाएगी.
6 दिसंबर को संतों की कार्य सेवा
कृष्ण की नगरी में एक बार फिर साधु संत कार्य सेवा पदयात्रा की घोषणा करने के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ा कर रख दी है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव मुरारी बापू ने कहा अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. वैसे ही साधु-संत 6 दिसंबर को वृंदावन के अटला चुंगी से पदयात्रा कर कार्य सेवा शुरू करेंगे. जिला प्रशासन इस पदयात्रा को न रोके.
जन्मभूमि परिसर से हटे अवैध मस्जिद
साधु संत और श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास के पदाधिकारी और संत ने मांग की है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में बने मुगल शासक द्वारा बनवाई गई अवैध मस्जिद को हटाया जाए. जिसको लेकर जनपद के न्यायालय में करीब दस मुकदमे अभी विचाराधीन हैं. सभी मुकदमों में श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक और परिसर से मस्जिद मुक्त बनाने की बात कही गई है.
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. मुगल साम्राज्य के दौरान औरंगजेब ने 1669 में मंदिर को ध्वस्त कर दिया और शाही ईदगाह मस्जिद बनवाई गई जो कि वर्तमान में बनी हुई है.
सबसे पहले मंदिर तोड़ा गया था
सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा बनवाए गए मंदिरों को मोहम्मद गजनवी ने 1017 ईसवी में आक्रमण करने के बाद तोड़े थे. विक्रमादित्य ने दोबारा मंदिर का निर्माण कराया संस्कृति और कला के बड़े केंद्र के रूप में स्थापित किया गया. यहां हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म और जैन धर्म का भी विकास हुआ.
मथुरा में तीसरी बार मंदिर सिकंदर लोदी के शासनकाल में तोड़े गए थे. शासक जहांगीर के शासनकाल में चौथी बार मंदिर का निर्माण कराया गया. लेकिन मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में मथुरा के मंदिरों को तोड़वा दिया और मस्जिद बनवाई.
न्यायालय में चल रहा वाद
देव मुरारी बापू ने बताया कि न्यायालय में जो वाद चल रहा है, वो न्यायालय की एक प्रक्रिया है. इसके साथ-साथ हमारा साधु-संत समाज और संगठन भी काम कर रहा है. 23 प्रदेश के संत महात्मा एकजुट होकर श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास से जुड़े हुए हैं. सामाजिक संगठन और चार अखाड़ों का भी हमें समर्थन मिला है. किसी भी न्यायालय में अपनी बात रखने के लिए या पूछा जाता है कि कितने लोग आप के समर्थन में हैं, कितने लोग श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर बनवाना चाहते हैं. जिस तरह अयोध्या में भव्य राम मंदिर आंदोलन हमारे सभी पदाधिकारियों ने किया था. जिसके बाद अयोध्या का विवाद पूरी तरह समाप्त हो चुका है और मंदिर बनने जा रहा है. उसी तरह मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर जो अवैध शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है उसको भी हाईकोर्ट ने अवैध करा दिया है. लेकिन न्यायिक प्रक्रिया चालू है. 6 दिसंबर को ऐतिहासिक दिन पर श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास और वृंदावन के साधु-संत एकजुट होकर वृंदावन के अटला चुंगी राम मंदिर से कार्य सेवा और पद यात्रा निकालेंगे. सभी साधु-संत प्रार्थना कर रहे हैं कि 6 दिसंबर को श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में कृष्ण लला के दर्शन करेंगे और प्रार्थना करेंगे. जिस तरह अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है उसी तरह मथुरा में भी श्री कृष्ण जन्मभूमि विशाल मंदिर बने और अवैध मस्जिद हटाई जाए. इसके बाद हम प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी से विनम्र निवेदन करते हैं दिवाली पर कहा गया था कि कृष्ण जन्म स्थान मंदिर के लिए पदयात्रा जाकर सेवा शुरू होगी, तो हम पुष्प वर्षा साधु-संतों पर करेंगे और इस पदयात्रा को न रोका जाए
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