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किसानों की मांग सही, इसे स्वीकार किया जाना चाहिए : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद - farmers protest

मथुरा में प्रवास कर रहे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि "किसानों की मांग उचित है. इसे स्वीकार किया जाना चाहिए."

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
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Published : Mar 30, 2021, 8:00 PM IST

मथुरा: धर्म नगरी वृंदावन में दावानल कुंड क्षेत्र स्थित उड़िया बाबा आश्रम में प्रवास कर रहे ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि "किसानों की मांग उचित है. इसे स्वीकार किया जाना चाहिए."

स्वामी स्वरूपानंद ने वीएचपी पर भी निशाना साधा
ठाकुरजी के अशोभनीय चित्र बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि "भगवान का चित्र उपासना के लिए है. भगवान का स्वरूप हमारे शास्त्रों में वर्णित है. उसके अनुसार हमारे मन में जो चित्र बसता है उसको स्थाई करने के लिए हम उसे कागज पर बनाते हैं. वह हमारी उपासना का अंग होना चाहिए व्यवसाय नहीं."

'राम मंदिर नहीं विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बन रहा है'

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि "यह राम मंदिर नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बन रहा है." उन्होंने कहा कि "मंदिर निर्माण के लिए शंकराचार्य एवं अखाड़ों के संतों का एक ट्रस्ट बनने के बावजूद फैसला आने पर ऐसे लोगों को ट्रस्टी बना दिया, जो एक दल से संबंधित है. वह दल राम को भगवान नहीं महापुरुष मानता है. उन्होंने कहा कि मंदिर बनना चाहिए शास्त्रोक्त विधि से और उन्हीं के द्वारा बनना चाहिए जो राम को भगवान का अवतार मानते हैं."

'सरकार को लोगों के लिए काम करना चाहिए'


वर्तमान राजनीति पर शंकराचार्य ने कहा कि "पूर्व की राजनीति जिसका आचरण भगवान राम और कृष्ण ने किया था वह किसी दल विशेष के लिए नहीं बल्कि सबके हित के लिए थी. सरकार अपने हित के लिए कोई काम न करके जनता के हित में काम करे यही राजनीति है, जबकि आज की राजनीति यह है कि देश का चाहे कुछ भी हो हमारे दल का हित होना चाहिए. हमारी सत्ता बनी रहनी चाहिए. इस दृष्टि से लोग राजनीति करते हैं यह अनुचित है."

मथुरा: धर्म नगरी वृंदावन में दावानल कुंड क्षेत्र स्थित उड़िया बाबा आश्रम में प्रवास कर रहे ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि "किसानों की मांग उचित है. इसे स्वीकार किया जाना चाहिए."

स्वामी स्वरूपानंद ने वीएचपी पर भी निशाना साधा
ठाकुरजी के अशोभनीय चित्र बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि "भगवान का चित्र उपासना के लिए है. भगवान का स्वरूप हमारे शास्त्रों में वर्णित है. उसके अनुसार हमारे मन में जो चित्र बसता है उसको स्थाई करने के लिए हम उसे कागज पर बनाते हैं. वह हमारी उपासना का अंग होना चाहिए व्यवसाय नहीं."

'राम मंदिर नहीं विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बन रहा है'

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि "यह राम मंदिर नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बन रहा है." उन्होंने कहा कि "मंदिर निर्माण के लिए शंकराचार्य एवं अखाड़ों के संतों का एक ट्रस्ट बनने के बावजूद फैसला आने पर ऐसे लोगों को ट्रस्टी बना दिया, जो एक दल से संबंधित है. वह दल राम को भगवान नहीं महापुरुष मानता है. उन्होंने कहा कि मंदिर बनना चाहिए शास्त्रोक्त विधि से और उन्हीं के द्वारा बनना चाहिए जो राम को भगवान का अवतार मानते हैं."

'सरकार को लोगों के लिए काम करना चाहिए'


वर्तमान राजनीति पर शंकराचार्य ने कहा कि "पूर्व की राजनीति जिसका आचरण भगवान राम और कृष्ण ने किया था वह किसी दल विशेष के लिए नहीं बल्कि सबके हित के लिए थी. सरकार अपने हित के लिए कोई काम न करके जनता के हित में काम करे यही राजनीति है, जबकि आज की राजनीति यह है कि देश का चाहे कुछ भी हो हमारे दल का हित होना चाहिए. हमारी सत्ता बनी रहनी चाहिए. इस दृष्टि से लोग राजनीति करते हैं यह अनुचित है."

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