मथुरा: प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद अवैध कब्जा धारियों पर लगातार सरकार का बुलडोजर चल रहा है. वहीं, जनपद मथुरा के छाता तहसील क्षेत्र शाहपुर गांव में मंदिर के गर्भगृह पर अवैध मजार का मामला सामने आया है. उसे हटाने के लिए साधु-संतों ने जिला प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है.
जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर छाता तहसील क्षेत्र के शाहपुर गांव में एक बांके बिहारी का मंदिर है. यहां कुछ महीने पहले इस स्थान पर एक चबूतरे पर अवैध मजार बनाकर रख दी गई है, जिसको लेकर साधु संत जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त कर रहे हैं. साथ ही, अवैध मजार हटाने को लेकर साधु संतों ने जिला प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार, 2004 सपा सरकार में शाहपुर गांव में यह जमीन साजिशन कब्रिस्तान के नाम से दर्ज करा दी गई. तभी से साधु-संत अवैध मजार को लेकर विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने ढुलमुल रवैया के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल रखा है. साधु-संतों का कहना है कि यह जमीन बांके बिहारी जी का गर्भ ग्रह है. इस स्थान पर अवैध मजार बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिला प्रशासन इस मजार को स्वत: ही हटा दें, नहीं तो 15 दिन का अल्टीमेटम देने के बाद धर्म संसद शाहपुर गांव में आयोजित की जाएगी.
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धर्म रक्षक संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने बताया कि बांके बिहारी के मंदिर की जमीन को धोखाधड़ी से सरकारी दस्तावेजों में कब्रिस्तान जमीन घोषित कर मुस्लिम समाज को सौंप दी गई और वहां एक मजार का निर्माण कर दिया गया. इसे लेकर हिंदू समाज के लोग काफी नाराज है. धर्म रक्षक संघ के बैनर तले आज बैठक की गई है और जिला प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. इस मजार को हटा दिया जाए, नहीं तो शाहपुर गांव में एक बड़ी धर्म संसद होगी.
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