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मथुरा: मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किया रावण का पुतला - muslim artisans prepared effigy of ravana in mathura

उत्तर प्रदेश के मथुरा में दशहरे के पर्व की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं. खास बात यह है कि इस पर्व के लिए रावण का पुतला मुस्लिम कारीगरों ने बनाया है.

मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किया रावण का पुतला.
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Published : Oct 8, 2019, 3:23 PM IST

मथुरा: कान्हा की नगरी में दशहरे के पर्व की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं. पिछले एक महीने से कई राज्यों से आए दर्जनों कारीगर रावण का विशाल पुतला बनाने में जुटे थे. यह कारीगर अधिकतर मुस्लिम समाज के हैं, जिन्होंने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रावण के पुतले को तैयार किया है.

मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किया रावण का पुतला.

महंगाई के कारण अब इन कारीगरों को पहले की तरह पुतले बनाने में मजा नहीं आता. इस बार रावण का पुतला 80 फीट ऊंचा बनाया गया है. वहीं कुंभकरण का पुतला भी इस बार 70 फीट का बनाया गया है. प्रेम की मिसाल पेश करने वाला मथुरा नगर इस बार भी राम और रहीम के प्रेम को दर्शाता नजर आ रहा है, क्योंकि भगवान राम जिस रावण का वध करेंगे वह रावण विशेष समुदाय के लोगों द्वारा बनाया गया है. रावण के पुतले को मारकर भगवान राम अपने हजारों भक्तों को रावण दहन लीला के दर्शन कराते हैं.

रामलीला कमेटी के सदस्य रामगोपाल शर्मा ने बताया कि पुतले बनाने की तैयारी पिछले एक महीने से चल रही है. रावण बनाने वाले कारीगर काफी दूर से आए हुए हैं.

मथुरा: कान्हा की नगरी में दशहरे के पर्व की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं. पिछले एक महीने से कई राज्यों से आए दर्जनों कारीगर रावण का विशाल पुतला बनाने में जुटे थे. यह कारीगर अधिकतर मुस्लिम समाज के हैं, जिन्होंने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रावण के पुतले को तैयार किया है.

मुस्लिम कारीगरों ने तैयार किया रावण का पुतला.

महंगाई के कारण अब इन कारीगरों को पहले की तरह पुतले बनाने में मजा नहीं आता. इस बार रावण का पुतला 80 फीट ऊंचा बनाया गया है. वहीं कुंभकरण का पुतला भी इस बार 70 फीट का बनाया गया है. प्रेम की मिसाल पेश करने वाला मथुरा नगर इस बार भी राम और रहीम के प्रेम को दर्शाता नजर आ रहा है, क्योंकि भगवान राम जिस रावण का वध करेंगे वह रावण विशेष समुदाय के लोगों द्वारा बनाया गया है. रावण के पुतले को मारकर भगवान राम अपने हजारों भक्तों को रावण दहन लीला के दर्शन कराते हैं.

रामलीला कमेटी के सदस्य रामगोपाल शर्मा ने बताया कि पुतले बनाने की तैयारी पिछले एक महीने से चल रही है. रावण बनाने वाले कारीगर काफी दूर से आए हुए हैं.

Intro:कान्हा की नगरी में पिछले डेढ़ सौ वर्षों से चली आ रही भगवान राम की लीला, जिसके लिए धर्म और प्रेम की नगरी कहे जाने वाली भगवान श्री कृष्ण नगरी मथुरा इस बार फिर तैयार हो चुकी है रावण दहन के लिए, जिसमें भगवान राम द्वारा दशहरे के पर्व पर मारे जाने वाले बुराई के प्रतीक रावण के पुतले की तैयारी पूरी हो चुकी है जिससे कि, दशहरा पर्व पर भगवान राम के द्वारा रावण का वध किया जा सके .जबकि इस रावण के पुतले को बनाने के लिए मथुरा सहित कई राज्यों से आए कई दर्जन कारीगरों द्वारा पिछले लगभग 1 महीने से रावण के विशाल पुतले को बनाया जा रहा था, यह कारीगर अधिकतर मुस्लिम समाज के हैं जिन्होंने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रावण के पुतले को तैयार किया है, हिंदू मुस्लिम भाईचारे और प्रेम का उदाहरण पेश किया इन कारीगरों ने.


Body:महंगाई के कारण अब इन कारीगरों को पहले की तरह पुतले बनाने में मजा नहीं आता, इसलिए अबकी बार यह पुतला 80 फीट ऊंचा बनाया गया है ,.वहीं इनके साथ खड़ा किए जाने वाला कुंभकरण भी इस बार 70 फीट का बनाया गया है. प्रेम की मिसाल पेश करने वाला मथुरा नगर इस बार भी राम और रहीम के प्रेम को दर्शाता नजर आ रहा है. क्योंकि जब दशहरा पर भगवान राम जिस रावण का वध करेंगे वह रावण बना हुआ है मुस्लिम समाज के कारीगरों के हाथों से, जो कि प्रेम की मिसाल पेश करता है ,जिसे पूरे लगभग 1 महीने की मेहनत के बाद राम जी के सामने मारने को खड़ा किया जाता है,


Conclusion:इसी मेहनत से बने रावण के पुतले को मारकर भगवान राम और अपने हजारों भक्तों को रावण दहन लीला के दर्शन कराते हैं ,और भक्त राम के द्वारा किए जाने वाले बुराई के प्रतीक रावण के अंत को अपने मन में उतार के उन्हीं के बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लेते हैं.
बाइट- छोटे खान( रावण का पुतला बनाने वाला कारीगर)
बाइट -रामगोपाल शर्मा (सदस्य रामलीला कमेटी मथुरा)
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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