मथुरा : साल 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर एक सांसदों ने जनपद का एक गांव गोद लिया जिसे आदर्श गांव कहा जाता है. सांसद निधि द्वारा आदर्श गांव में मूलभूत सुविधाओं के लिए विकसित करना था. जिसमें स्वास्थ्य सेवा केंद्र, प्राइमरी विद्यालय, बिजली, पानी व अच्छी सड़क की व्यवस्था करनी थी. लेकिन आज सांसद हेमा मालिनी के गोद लिए गांव के स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. स्वास्थ्य केंद्र में ना तो डॉक्टर रहते हैं, और ना ही गांव के लोगों को यहां से दवाइयां ही मिल पाती हैं.
दरअसल, क्षेत्रीय सांसद हेमा मालिनी ने आदर्श गांव रावल में सांसद निधि द्वारा स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया. जिसमें स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा मिल सके. लेकिन पिछले आठ महीनों से दो डॉक्टरों की तैनाती होने के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका हुआ है. स्थानीय ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिला अस्पताल पहुंचते हैं. वैश्विक महामारी कोरोना काल की आपदा में ग्रामीण अस्पतालों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.
केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीणों को जमीनी स्तर पर सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए दर्जनों योजनाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली यह तस्वीर बताने के लिए काफी है. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं कोसों दूर हैं. ग्रामीण सांसद के आदर्श गांव में स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है.
इसे भी पढ़ें- 'फौजदार' ने डांस से उड़ा दी धूल, कोरोना कर्फ्यू को गए भूल
बच्चू चौकीदार ने बताया कि पिछले 6 महीनों से स्वास्थ्य केंद्र पर कोई भी डॉक्टर नहीं आ रहे हैं. सांसद निधि द्वारा इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था.
स्थानीय ग्रामीण उमेश कुमार ने बताया कि सांसद हेमा मालिनी के गोद लिए आदर्श गांव रावल में स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था. लेकिन पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नहीं आ रहे हैं. इसकी शिकायत भी सीएमओ कार्यालय में की गई थी, लेकिन कुछ दिन आने के बाद फिर से डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए मथुरा जिला अस्पताल जाना पड़ता है.