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कन्नौज में गुपचुप तरीके से अपने गांव पहुंच रहे हैं मजदूर

कन्नौज में गुपचुप तरीके से अपने गांव पहुंच रहे हैं मजदूर. यहां सरकार की मजदूरों को रोकने और जांच कराकर वाहनों से भिजवाने की प्रक्रिया प्रभावी होती नहीं दिखाई दी. ऐसे में इन मजदूरों का न तो कोई रिकार्ड प्रशासन के पास है और न ही ऐसे मजदूरों की जांच हो पा रही है.

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पैदल जाते मजदूर
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Published : May 8, 2020, 8:54 PM IST

कन्नौजः उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने पांच मई को प्रदेश के सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र भेज कर आदेश दिए हैं कि यदि उनके जिलों में पैदल जाते हुए मजदूर दिखाई दे तो उनको रोककर उनका मेडिकर परीक्षण करवाया जाए फिर उन्हें उनके जिलों तक बस से भिजवाने की व्यवस्था कराई जाए लेकिन ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा. गुपचुप तरीके से बिना मेडिकल चेकअप के मजदूर अपने गांव पहुंच रहे हैं जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है.

कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने मजदूरोंं को गृह जनपद में पहुंचने के बाद मेडिकल चेकअप और फिर 14 दिन तक क्वारंटाइन करने का आदेश दिया है, लेकिन 14 दिन के क्वारंटाइन से बचने के लिए तमाम मजदूर रात के अंधरे में छिपते-छिपाते अपने गांव पहुंच रहे हैं. इनका न तो कोई रिकॉर्ड प्रशासन के पास होता है और न ही ऐसे मजदूरों की जांच हो पा रही है. ऐसे में गोपनीय तरीके से आने वाले मजदूरों से संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा बनी हुई है. बेरोक-टोक मजदूर और दूसरे यात्री दिन भर आते-जाते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में सरकारी अमले की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

कन्नौजः उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने पांच मई को प्रदेश के सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र भेज कर आदेश दिए हैं कि यदि उनके जिलों में पैदल जाते हुए मजदूर दिखाई दे तो उनको रोककर उनका मेडिकर परीक्षण करवाया जाए फिर उन्हें उनके जिलों तक बस से भिजवाने की व्यवस्था कराई जाए लेकिन ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा. गुपचुप तरीके से बिना मेडिकल चेकअप के मजदूर अपने गांव पहुंच रहे हैं जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है.

कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने मजदूरोंं को गृह जनपद में पहुंचने के बाद मेडिकल चेकअप और फिर 14 दिन तक क्वारंटाइन करने का आदेश दिया है, लेकिन 14 दिन के क्वारंटाइन से बचने के लिए तमाम मजदूर रात के अंधरे में छिपते-छिपाते अपने गांव पहुंच रहे हैं. इनका न तो कोई रिकॉर्ड प्रशासन के पास होता है और न ही ऐसे मजदूरों की जांच हो पा रही है. ऐसे में गोपनीय तरीके से आने वाले मजदूरों से संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा बनी हुई है. बेरोक-टोक मजदूर और दूसरे यात्री दिन भर आते-जाते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में सरकारी अमले की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

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