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मथुरा की बिटिया बनी वायुसेना में फ्लाइंग अफसर, बधाई देने वालों का लगा तांता, जानिये कैसे हासिल किया मुकाम

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Published : Jul 8, 2022, 11:04 PM IST

जनपद के गांव ब्योहीं की रहने वाली आशा चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा आर्मी स्कूल मथुरा से ग्रहण की. भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर आशा का चयन हुआ है.

मथुरा की बिटिया
मथुरा की बिटिया

मथुरा : कान्हा की नगरी में एक बेटी ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर चयनित होकर जिले के साथ-साथ अपने परिजनों का नाम रोशन किया है. बेटी के मुकाम हासिल करने पर परिवार व स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है. आशा को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

जनपद के गांव ब्योहीं की रहने वाली आशा चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा आर्मी स्कूल मथुरा से ग्रहण की. आशा हमेशा से ही पढ़ाई में एक होनहार छात्रा रही. छात्रा ने एक साल कोटा में तैयारी की थी. स्कूली शिक्षा के बाद छात्रा ने गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज सोनभद्र में दाखिला लिया. छात्रा ने पढ़ाई के साथ-साथ एक निजी कंपनी में भी काम किया. छात्रा के पिता नागदेव चौधरी भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

जानकारी देतीं आशा चौधरी



हमेशा से ही आशा चौधरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश के लिए कुछ करना चाहती थीं. आशा ने AFCAT, INET जैसे एग्जाम भी पास किए, लेकिन एक बार में सफलता हाथ नहीं लगी. इसके बाबजूद आशा ने हार नहीं मानी और आगे प्रयास जारी रखा. आशा ने 2021 में फिर से AFCAT के लिए अप्लाई किया और सफलता हासिल की. उसके बाद एसएसबी के लिए तीन जनवरी 2022 को एयरफोर्स सलेक्शन बोर्ड मैसूर गईं. वहां पांच दिन के विश्लेषण के बाद रिजल्ट सुनाया गया और सफलता हासिल की.

ये भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में गाय के गोबर से बनेगी सीएनजी, 2 रुपये किलो खरीदेंगे गोबर: धर्मपाल सिंह

सफलता मिलने के बाद आशा को 10 दिन के लिए इंडियन एयरोस्पेस ऑफ मेडिसिन बेंगलुरु में मेडिकल चेकअप के लिए बुलाया गया. मेडिकल फिट होने के बाद 25 जून 2022 को नाम फाइनल मेरिट लिस्ट में आ गया. आशा ने घर में रहकर खुद तैयारी की. अपनी गलतियों से सीखती थीं और उनका सुधार करती थीं. आशा के बड़े भाई दीपक चौधरी भी भारतीय सेना में हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता, पिता, गुरुजनों, परिवार के सभी सदस्यों एवं रिश्तेदारों को दिया है.
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मथुरा : कान्हा की नगरी में एक बेटी ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर चयनित होकर जिले के साथ-साथ अपने परिजनों का नाम रोशन किया है. बेटी के मुकाम हासिल करने पर परिवार व स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है. आशा को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

जनपद के गांव ब्योहीं की रहने वाली आशा चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा आर्मी स्कूल मथुरा से ग्रहण की. आशा हमेशा से ही पढ़ाई में एक होनहार छात्रा रही. छात्रा ने एक साल कोटा में तैयारी की थी. स्कूली शिक्षा के बाद छात्रा ने गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज सोनभद्र में दाखिला लिया. छात्रा ने पढ़ाई के साथ-साथ एक निजी कंपनी में भी काम किया. छात्रा के पिता नागदेव चौधरी भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

जानकारी देतीं आशा चौधरी



हमेशा से ही आशा चौधरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश के लिए कुछ करना चाहती थीं. आशा ने AFCAT, INET जैसे एग्जाम भी पास किए, लेकिन एक बार में सफलता हाथ नहीं लगी. इसके बाबजूद आशा ने हार नहीं मानी और आगे प्रयास जारी रखा. आशा ने 2021 में फिर से AFCAT के लिए अप्लाई किया और सफलता हासिल की. उसके बाद एसएसबी के लिए तीन जनवरी 2022 को एयरफोर्स सलेक्शन बोर्ड मैसूर गईं. वहां पांच दिन के विश्लेषण के बाद रिजल्ट सुनाया गया और सफलता हासिल की.

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सफलता मिलने के बाद आशा को 10 दिन के लिए इंडियन एयरोस्पेस ऑफ मेडिसिन बेंगलुरु में मेडिकल चेकअप के लिए बुलाया गया. मेडिकल फिट होने के बाद 25 जून 2022 को नाम फाइनल मेरिट लिस्ट में आ गया. आशा ने घर में रहकर खुद तैयारी की. अपनी गलतियों से सीखती थीं और उनका सुधार करती थीं. आशा के बड़े भाई दीपक चौधरी भी भारतीय सेना में हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता, पिता, गुरुजनों, परिवार के सभी सदस्यों एवं रिश्तेदारों को दिया है.
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