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ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें

जनपद मथुरा में समय से उपचार न मिलने व ऑक्सीजन की कमी के चलते एक महिला सहित तीन लोगों की जान चली गई. परिजनों ने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.

ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें
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Published : Apr 26, 2021, 2:27 AM IST

मथुरा: भले ही कोरोना वायरस संक्रमण की इस दूसरी लहर में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर शासन-प्रशासन तमाम दावे कर रहे हों लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है. ऑक्सीजन की कमी के कारण हर रोज बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. जनपद मथुरा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां समय से उपचार न मिलने व ऑक्सीजन की कमी के चलते एक महिला सहित तीन लोगों की जान चली गई. परिजनों ने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.

ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें
ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें
ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें

इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हाहाकार मचा हुआ है. भारी संख्या में नए संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं, कई लोग अपनी जान गवां रहे हैं. बहुत से लोग अपने घरों में आइसोलेट हैं जिन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. जब परिजन अधिक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं तो किसी भी अस्पताल में उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है. इस अव्यवस्था के चलते बहुत से ऐसे लोग जिनकी मौत हो जा रही है, उनकी गिनती सरकारी आंकड़ों में दर्ज ही नहीं हो पा रही है.

यह भी पढ़ें : सरकारी अस्पताल में घोर लापरवाही, बिना PPE kit के कोरोना टेस्ट कर रहे कर्मचारी



क्या कहते हैं लोग

हाईवे क्षेत्र के राधा वैली निवासी रितेश बंसल ने बताया कि उनके ससुर 75 वर्षीय सुरेश कुमार मित्तल की तबीयत खराब थी. वह घर में आइसोलेट थे. अचानक उनकी अधिक तबीयत खराब हुई जिसके बाद परिजन उन्हें मथुरा के लगभग हर अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया गया. अंत में जिला अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. समय पर ऑक्सीजन या उपचार मिल जाता तो शायद उनकी जान बच जाती.

रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर भी अस्पताल में नहीं मिल रही जगह

वहीं, गोकुल निवासी प्रियांशु शर्मा ने बताया कि 42 वर्षीय उनके पिता अरविंद शर्मा पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे हैं. निजी लैब में जब उनका टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वह उस रिपोर्ट को लेकर जिले के हर अस्पताल में उन्हें भर्ती करने के लिए घूमे लेकिन किसी भी अस्पताल में उन्हें भर्ती नहीं किया गया. उनकी तबीयत अधिक बिगड़ती जा रही है. अंत में जब वह जिला अस्पताल में अपने पिता को लेकर पहुंचे तो वहां सरकारी रिपोर्ट मांगी गई. 2 दिन से वह टेस्ट कराने के लिए आ रहे हैं लेकिन टेस्ट भी नहीं हो पा रहा है.

मथुरा: भले ही कोरोना वायरस संक्रमण की इस दूसरी लहर में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर शासन-प्रशासन तमाम दावे कर रहे हों लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है. ऑक्सीजन की कमी के कारण हर रोज बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. जनपद मथुरा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां समय से उपचार न मिलने व ऑक्सीजन की कमी के चलते एक महिला सहित तीन लोगों की जान चली गई. परिजनों ने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.

ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें
ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें
ऑक्सीजन की कमी से फूल रही मथुरा की सांसें

इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हाहाकार मचा हुआ है. भारी संख्या में नए संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं, कई लोग अपनी जान गवां रहे हैं. बहुत से लोग अपने घरों में आइसोलेट हैं जिन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. जब परिजन अधिक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं तो किसी भी अस्पताल में उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है. इस अव्यवस्था के चलते बहुत से ऐसे लोग जिनकी मौत हो जा रही है, उनकी गिनती सरकारी आंकड़ों में दर्ज ही नहीं हो पा रही है.

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क्या कहते हैं लोग

हाईवे क्षेत्र के राधा वैली निवासी रितेश बंसल ने बताया कि उनके ससुर 75 वर्षीय सुरेश कुमार मित्तल की तबीयत खराब थी. वह घर में आइसोलेट थे. अचानक उनकी अधिक तबीयत खराब हुई जिसके बाद परिजन उन्हें मथुरा के लगभग हर अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया गया. अंत में जिला अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. समय पर ऑक्सीजन या उपचार मिल जाता तो शायद उनकी जान बच जाती.

रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर भी अस्पताल में नहीं मिल रही जगह

वहीं, गोकुल निवासी प्रियांशु शर्मा ने बताया कि 42 वर्षीय उनके पिता अरविंद शर्मा पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे हैं. निजी लैब में जब उनका टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वह उस रिपोर्ट को लेकर जिले के हर अस्पताल में उन्हें भर्ती करने के लिए घूमे लेकिन किसी भी अस्पताल में उन्हें भर्ती नहीं किया गया. उनकी तबीयत अधिक बिगड़ती जा रही है. अंत में जब वह जिला अस्पताल में अपने पिता को लेकर पहुंचे तो वहां सरकारी रिपोर्ट मांगी गई. 2 दिन से वह टेस्ट कराने के लिए आ रहे हैं लेकिन टेस्ट भी नहीं हो पा रहा है.

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