मथुरा: नोबेल कोरोनावायरस संक्रमण से पूरा विश्व इस समय जूझ रहा है. यह संक्रमण कई लोगों की अब तक जान ले चुका है तो कई लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. भारत में भी इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार द्वारा 21 दिनों के लिए लॉक डाउन किया है, जिसके चलते फुटपाथ पर रहकर गुजर बसर करने वाले मजदूर, गरीब और असहाय लोगों के सामने पेट भरने का संकट सामने आ गया है. इनकी सहायता के लिए अब साधु-संत आगे आ गए हैं और वो लोगों को खाने-पीने की वस्तुएं वितरित कर रहे हैं.
लॉक डाउन के कारण सबसे बड़ी समस्या उन लोगों के सामने आई है जो लोग रोज कमाते खाते थे. मजदूर, गरीब, असहाय वर्ग के लोगों के सामने पेट भरने का संकट लॉक डाउन में आ गया है. इसके चलते अब सामाजिक संस्थाएं और साधु-संत भी ऐसे लोगों की सहायता के लिए आगे आ गए हैं. साधु संतों की ओर से गरीब लोगों के लिए राशन और खाने-पीने सामान मुहैया कराया जा रहा है, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए.
मथुरा: गरीब असहाय लोगों की सहायता के लिए आगे आए साधु-संत - mathura lockdown
उत्तर प्रदेश के मथुरा में गरीब, असहाय और मजदूर वर्ग के लोगों की मदद के लिए साधु-संतों ने भी पहल की है. वो भी खाने-पीने की वस्तुएं वितरित कर रहे हैं.
मथुरा: नोबेल कोरोनावायरस संक्रमण से पूरा विश्व इस समय जूझ रहा है. यह संक्रमण कई लोगों की अब तक जान ले चुका है तो कई लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. भारत में भी इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार द्वारा 21 दिनों के लिए लॉक डाउन किया है, जिसके चलते फुटपाथ पर रहकर गुजर बसर करने वाले मजदूर, गरीब और असहाय लोगों के सामने पेट भरने का संकट सामने आ गया है. इनकी सहायता के लिए अब साधु-संत आगे आ गए हैं और वो लोगों को खाने-पीने की वस्तुएं वितरित कर रहे हैं.
लॉक डाउन के कारण सबसे बड़ी समस्या उन लोगों के सामने आई है जो लोग रोज कमाते खाते थे. मजदूर, गरीब, असहाय वर्ग के लोगों के सामने पेट भरने का संकट लॉक डाउन में आ गया है. इसके चलते अब सामाजिक संस्थाएं और साधु-संत भी ऐसे लोगों की सहायता के लिए आगे आ गए हैं. साधु संतों की ओर से गरीब लोगों के लिए राशन और खाने-पीने सामान मुहैया कराया जा रहा है, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए.