मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी (shri krishna janmashtami festival) के दिन हुई 2 लोगों की मौत के बाद जिला प्रशासन और पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. इसी मामले में रविवार को डीएम और एसएसपी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया. डीएम व एसएसपी बांके बिहारी मंदिर पहुंचकर पूरी स्तिथि का बारीकी से निरीक्षण किया और वहां मौजूद गार्ड व मंदिर के कर्मचारियों के साथ बैठक की.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अभिषेक यादव ने बताया कि आज जिलाधिकारी के साथ उन्होंने मंदिर का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के दौरान मंदिर की व्यवस्थाओं को और दूरुस्त करने पर चर्चा हुई है. मंदिर में मौजूद गोस्वामी, व्यापारी, मंदिर प्रबंधन समिति, आम जनता आदि लोगों से फीडबैक लिया गया है. मंदिर की व्यवस्थाओं में और किन-किन चीजों को बेहतर किया जा सकता है. इन सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई है. मंदिर परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. मंदिर के प्रवेश द्वार और निकासी द्वार पर पर पुलिस के जवान तैनात हैं. वह मंदिर की निगरानी कर रहे हैं.
मंदिर में भीड़ बढ़ने पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी उसे नियंत्रित करेंगे. मंदिर में भीड़-भाड़ की जानकारी लाउडस्पीकर पर वायरलेस के माध्यम से दी जाएगी. गेट नंबर 1 और 4 केवल निकासी के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे. यदि कोई ऐसा श्रद्धालु है जिसको कोई समस्या है उसके लिए अलग से रास्ता बनाया गया है. मंदिर में प्रवेश गेट नंबर 2 से ही होगा. अगर किसी व्यक्ति को कोई परेशानी है और उसे स्पेशल ट्रीटमेंट देना है. ऐसी स्थिति में गेट नंबर 2 से ही प्रवेश दिया जाएगा, यह व्यवस्थाएं की गई हैं. इसके अलावा पुलिसकर्मियों को ब्रीफ किया गया है कि किस तरह से व्यवस्थाएं चालू रखना है. यहां के स्थानीय लोगों से भी वार्ता की गई है, मंदिर के अंदर रहने वाले गोस्वामी अथवा मंदिर समिति के लोगों को ड्यूटी कार्य अनिवार्य है.
मंदिर के सेवायत ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप
बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन हुई घटना पर मंदिर के सेवायत शुभम गोस्वामी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. शुभम गोस्वामी का कहना है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से घटना हुई है. घटना का मुख्य कारण भीड़ को सही तरीके से रेगुरेट न करना है. जिस समय घटना हुई मंदिर के चार-पांच गेट एक साथ खोल दिए गए. जबकि इन गेट को एक साथ नहीं खोलना था. श्रद्धालुओं को एक तरफ से प्रवेश देना था, तो दूसरी तरफ निकालना था. मंदिर प्रांगण का क्षेत्र काफी बड़ा है, लेकिन भीड़ को ठीक तरह से नियंत्रण नहीं किया गया था. जिसकी वजह से घटना हुई है.
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