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मथुरा में भाई दूज का अनोखा अंदाज, भाई-बहन करते हैं यमुना स्नान - यमुना विश्राम घाट मथुरा

देश भर में जहां भाई दूज पर बहन भाई के टीका कर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है. वहीं, यूपी के मथुरा में भाई दूज का पर्व बड़े ही अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. इस दिन यहां बड़ी संख्या में भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर यमुना स्नान करते हैं.

भाई दूज पर भाई बहन ने किया यमुना स्नान.
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Published : Oct 30, 2019, 10:57 AM IST

मथुरा: देश भर में भाई दूज का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. 5 दिनों के त्योहार दीपावली के अंतिम दिन भाई दूज पर जहां बहन भाई के टीका कर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं मथुरा में भाई दूज का पर्व बड़े ही अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. इस दिन यहां बड़ी संख्या में भाई बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर यमुना स्नान करते हैं और एक-दूसरे की लंबी उम्र की कामना करते हैं.

भाई दूज पर भाई-बहन ने किया यमुना स्नान.

विश्राम घाट पर भाई-बहन करते हैं स्नान
जिस विश्राम घाट पर भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था. इसी घाट पर लाखों की संख्या में भाई दूज के दिन भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करते हैं और एक-दूसरे की लंबी उम्र की कामना करते हैं. पुराणों की मान्यता के अनुसार यहां यमुना में स्नान करने से यम फांस से मुक्ति मिलती है.

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स्नान से यम फांस से मिलती है मुक्ति
इस स्थान पर स्नान से यम फांस से मुक्ति का आशीर्वाद खुद यमराज ने उस समय दिया था, जब वह आज के ही दिन अपनी बहन यमुना से मिलने इसी स्थान पर आए थे. कहा जाता है कि सूर्य की पत्नी संध्या के पुत्र और पुत्री दो संतान थीं. यमुना के सूर्य के तेज को न सह सकने के कारण संध्या ने छाया का वेश बनाया और वह उत्तरी ध्रुव में जाकर रहने लगी. तभी से यमुना पृथ्वी पर आकर रहने लगीं और यमुना में रहकर कृष्ण का इंतजार करने लगीं.

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यमराज ने यमुना को दिया था वरदान
यमराज भाई दूज के दिन अपनी बहन यमुना के पास आए. यमुना ने अपने भाई का खूब सत्कार किया, जिससे खुश होकर यमराज ने यमुना से वरदान मांगने को कहा. इस पर यमुना ने कहा कि भाई दूज के दिन इसी जगह पर भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करें तो आप उनको नरक से मुक्ति दे दें और उन्हें लंबी उम्र का वरदान दें. इस पर यमराज ने यमुना को यह वरदान दिया. तभी से इस स्थान पर भाई दूज के दिन भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करते हैं.

मथुरा: देश भर में भाई दूज का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. 5 दिनों के त्योहार दीपावली के अंतिम दिन भाई दूज पर जहां बहन भाई के टीका कर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं मथुरा में भाई दूज का पर्व बड़े ही अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. इस दिन यहां बड़ी संख्या में भाई बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर यमुना स्नान करते हैं और एक-दूसरे की लंबी उम्र की कामना करते हैं.

भाई दूज पर भाई-बहन ने किया यमुना स्नान.

विश्राम घाट पर भाई-बहन करते हैं स्नान
जिस विश्राम घाट पर भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था. इसी घाट पर लाखों की संख्या में भाई दूज के दिन भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करते हैं और एक-दूसरे की लंबी उम्र की कामना करते हैं. पुराणों की मान्यता के अनुसार यहां यमुना में स्नान करने से यम फांस से मुक्ति मिलती है.

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स्नान से यम फांस से मिलती है मुक्ति
इस स्थान पर स्नान से यम फांस से मुक्ति का आशीर्वाद खुद यमराज ने उस समय दिया था, जब वह आज के ही दिन अपनी बहन यमुना से मिलने इसी स्थान पर आए थे. कहा जाता है कि सूर्य की पत्नी संध्या के पुत्र और पुत्री दो संतान थीं. यमुना के सूर्य के तेज को न सह सकने के कारण संध्या ने छाया का वेश बनाया और वह उत्तरी ध्रुव में जाकर रहने लगी. तभी से यमुना पृथ्वी पर आकर रहने लगीं और यमुना में रहकर कृष्ण का इंतजार करने लगीं.

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यमराज ने यमुना को दिया था वरदान
यमराज भाई दूज के दिन अपनी बहन यमुना के पास आए. यमुना ने अपने भाई का खूब सत्कार किया, जिससे खुश होकर यमराज ने यमुना से वरदान मांगने को कहा. इस पर यमुना ने कहा कि भाई दूज के दिन इसी जगह पर भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करें तो आप उनको नरक से मुक्ति दे दें और उन्हें लंबी उम्र का वरदान दें. इस पर यमराज ने यमुना को यह वरदान दिया. तभी से इस स्थान पर भाई दूज के दिन भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करते हैं.

Intro:मथुरा में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया यम द्वितीय पर्व .5 दिन तक चलने वाले दीपावली पर्व के अंतिम दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है .भाई-बहन के इस पर्व पर बहन भाई के टीका कर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है. लेकिन मथुरा में भाई दूज का पर्व बड़े ही अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. इस दिन यहां बड़ी संख्या में भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर यमुना स्नान करते हैं ,और एक दूसरे की लंबी उम्र की कामना करते हैं.


Body:यह मथुरा का वही विश्राम घाट है जहां भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था. इसी घाट पर लाखों की संख्या में भाई दूज के दिन भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करते हैं ,और एक दूसरे की लंबी उम्र की कामना करते हैं. पुराणों और मान्यता के अनुसार यहां यमुना में स्नान करने से यम फंस से मुक्ति मिलती है. देशभर में यमुना के एकमात्र तीर्थ मथुरा के विश्राम घाट पर भाई दूज के मौके पर लाखों की संख्या में भाई-बहन ने स्नान किया. यमराज की बहन यमुना के अंचल मैं भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करते हैं. इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि इससे यमराज के कोप का भंजन नहीं बनना पड़ता है, और यम फंस से मुक्ति मिल जाती है.


Conclusion:देश विदेश के कोने-कोने से आए भाई बहन ने यहां स्नान करने के बाद बहनों ने भाई के तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना की. इस स्थान पर स्नान से यम फंस से मुक्ति का आशीर्वाद खुद यमराज ने उस समय दिया था जब वह आज के ही दिन अपनी बहन यमुना से मिलने इसी स्थान पर आए थे .कहा जाता है कि सूर्य की पत्नी संध्या के दो संतान थी पुत्र और पुत्री. यमुना सूर्य के तेज को न सह सकने के कारण संध्या ने छाया का वेश बनाया और वह उत्तरी ध्रुव में जाकर रहने लगी. तभी से यमुना पृथ्वी पर आकर रहने लगी और यमुना में रहकर कृष्ण का इंतजार करने लगी .यहीं पर यमराज भाई दूज के दिन अपनी बहन यमुना के पास आए, जहां यमुना ने अपने भाई का खूब सत्कार किया. जिससे खुश होकर यमराज ने यमुना से वरदान मांगने को कहा. इस पर यमुना ने कहा कि भाई दूज के दिन इसी जगह पर भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करें तो आप उनको नरक से मुक्ति दे दें और उन्हें लंबी उम्र का वरदान दें.इस पर यमराज ने यमुना को यह वरदान दिया तभी से इस स्थान पर भाई दूज के दिन भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करते हैं.
बाइट- सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार
बाइट- महिला श्रद्धालु शिवानी
बाइट- पुरुष श्रद्धालु राहुल
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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