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अराजक तत्वों से परेशान शहीद के पिता लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर - मथुरा खबर

मथुरा के भरना कला गांव में अराजक तत्वों से परेशान शहीद के पिता आला अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर है .शहीद स्मारक की भूमि पर कुछ दबंग ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से गोबर कचरा इत्यादि डालकर भूमि को कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे परेशान होकर शहीद के पिता न्याय के लिए आला अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर है.

अराजक तत्वों से परेशान शहीद के पिता लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर
अराजक तत्वों से परेशान शहीद के पिता लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर
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Published : Jan 12, 2021, 11:07 AM IST

मथुरा: शहीद कैप्टन राकेश शर्मा के पिता पूर्व कैप्टन हरिया शर्मा प्रशासन के आला अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. 1995 में कैप्टन राकेश शर्मा शहीद हुए थे, जिसके बाद उनका शहीद स्मारक बनाने के लिए सरकार द्वारा दो एकड़ भूमि दी गई थी. इस भूमि में शहीद स्मारक बना और ग्रामीणों के लिए खेलकूद इत्यादि के लिए मैदान भी बना. लेकिन कुछ अराजक तत्वों द्वारा उस भूमि पर गोबर कचरा इत्यादि डालकर उसे डलाव घर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे परेशान होकर हरिया शर्मा आला अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.

शहीद के पिता लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

अराजक तत्वों ने किया स्मारक की जमीन पर कब्जा
जानकारी देते हुए पूर्व कैप्टन हरिया शर्मा ने बताया कि मेरा बेटा शौर्य चक्र विजेता कैप्टन राकेश शर्मा 1995 में शहीद हो गया था. राष्ट्रपति भवन में हमें बुलाकर शौर्य चक्र दिया गया था, उसी समय पर हमें 2 एकड़ जमीन अलॉट की गई थी. आज तक वह जमीन अलॉट है उसमें शहीद स्मारक बना हुआ है, उसमें कई आयोजन होते हैं और वह गांव का खेल का मैदान है. उसमें कुछ अराजक तत्वों ने जो गांव के ही हैं. गोबर कचरा इत्यादि डालना शुरू कर दिया है.

उन्होंने बताया कि तहसील दिवस में भी मैं इस संबंध में शिकायत कर चुका हूं, जब उसका नतीजा कुछ नहीं निकला. उसके कुछ समय बाद में मुख्यमंत्री से मिला. मुख्यमंत्री ने राजस्व अधिकारी को आदेशित किया, जिसकी भी रिपोर्ट गलत बना दी गई. इतने दिनों के बाद 6 जनवरी को मुझे एक लेटर मिला, जिसमें लिखा था उस भूमि को कई बार हम साफ करा चुके हैं. ग्राम विकास अधिकारी के उसमें हस्ताक्षर है ,उसके बाद वीडियो ने साइन करके दिए हैं. उसके बाद एसडीएम साहब द्वारा मेरे पास एक लेटर भेजा गया आज भी उस भूमि की स्थिति ज्यों की त्यों है. अधिकारियों को शहीद के परिवारों को परेशान कर क्या ज्यादा खुशी मिलती है.

मथुरा: शहीद कैप्टन राकेश शर्मा के पिता पूर्व कैप्टन हरिया शर्मा प्रशासन के आला अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. 1995 में कैप्टन राकेश शर्मा शहीद हुए थे, जिसके बाद उनका शहीद स्मारक बनाने के लिए सरकार द्वारा दो एकड़ भूमि दी गई थी. इस भूमि में शहीद स्मारक बना और ग्रामीणों के लिए खेलकूद इत्यादि के लिए मैदान भी बना. लेकिन कुछ अराजक तत्वों द्वारा उस भूमि पर गोबर कचरा इत्यादि डालकर उसे डलाव घर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे परेशान होकर हरिया शर्मा आला अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.

शहीद के पिता लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

अराजक तत्वों ने किया स्मारक की जमीन पर कब्जा
जानकारी देते हुए पूर्व कैप्टन हरिया शर्मा ने बताया कि मेरा बेटा शौर्य चक्र विजेता कैप्टन राकेश शर्मा 1995 में शहीद हो गया था. राष्ट्रपति भवन में हमें बुलाकर शौर्य चक्र दिया गया था, उसी समय पर हमें 2 एकड़ जमीन अलॉट की गई थी. आज तक वह जमीन अलॉट है उसमें शहीद स्मारक बना हुआ है, उसमें कई आयोजन होते हैं और वह गांव का खेल का मैदान है. उसमें कुछ अराजक तत्वों ने जो गांव के ही हैं. गोबर कचरा इत्यादि डालना शुरू कर दिया है.

उन्होंने बताया कि तहसील दिवस में भी मैं इस संबंध में शिकायत कर चुका हूं, जब उसका नतीजा कुछ नहीं निकला. उसके कुछ समय बाद में मुख्यमंत्री से मिला. मुख्यमंत्री ने राजस्व अधिकारी को आदेशित किया, जिसकी भी रिपोर्ट गलत बना दी गई. इतने दिनों के बाद 6 जनवरी को मुझे एक लेटर मिला, जिसमें लिखा था उस भूमि को कई बार हम साफ करा चुके हैं. ग्राम विकास अधिकारी के उसमें हस्ताक्षर है ,उसके बाद वीडियो ने साइन करके दिए हैं. उसके बाद एसडीएम साहब द्वारा मेरे पास एक लेटर भेजा गया आज भी उस भूमि की स्थिति ज्यों की त्यों है. अधिकारियों को शहीद के परिवारों को परेशान कर क्या ज्यादा खुशी मिलती है.

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