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मथुरा: वृंदावन में 400 वर्ष पुराने मंदिर में मनाई गई भगवान नृसिंह जयंती - lord narsingh jayanti celebrated in mathura

यूपी के मथुरा में भगवान नृसिंह की जयंती के अवसर पर अठखम्भा स्थित प्राचीन श्री नृसिंह मंदिर में प्राचीन परंपरा के अनुसार भगवान नृसिंहदेव का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ महाभिषेक किया गया. इसके बाद उन्हें नवीन पोशाक धारण कराकर विशेष पूजा अर्चना की गई.

मनाई गई भगवान नृसिंह जयंती
मनाई गई भगवान नृसिंह जयंती
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Published : May 25, 2021, 8:44 PM IST

मथुरा: कोरोना महामारी का असर न केवल आम जनमानस पर बल्कि मंदिरों में आयोजित होने वाले उत्सवों पर भी पड़ रहा है. इसी श्रृंखला में मंगलवार को धर्म नगरी वृंदावन में भगवान नृसिंह की जयंती तो श्रद्धाभाव से मनाई गई, लेकिन इस मौके पर धर्म नगरी में जगह-जगह होने वाले नृसिंह प्रकट लीला आदि कार्यक्रम स्थगित करने पड़े. नृसिंह चतुर्दशी के मौके पर अठखम्भा स्थित प्राचीन श्री नृसिंह मंदिर में प्राचीन परंपरा के अनुसार भगवान नृसिंहदेव का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ महाभिषेक के पश्चात नवीन पोशाक धारण कराकर विशेष पूजा अर्चना की गई. बता दें कि मंदिर में आने वाले भक्तों को कोरोना महामारी के तहत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए दर्शन कराए गए.

मनाई गई भगवान नृसिंह जयंती

पुरोहित ने दी जानकारी
पुरोहित विजय किशोर मिश्र ने बताया कि चार जयंतिया प्रधान हैं- कृष्ण जयंती, राम जयंती, बावन जयंती और नृसिंह जयंती. नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी के दिन होती है. उन्होंने बताया स्वाति नक्षत्र में भगवान का जन्म हुआ है और आज स्वाति नक्षत्र है, चतुर्दशी तिथि है. नृसिंह जयंती वैष्णवों के मत से भी और स्मारकों के मत से भी आज ही है. उन्होंने बताया कि इस मौके पर राधा बल्लभ जी का प्रसाद आज भी हनुमान जी पर लगने के लिए आता है. यहां के हनुमान जी भी प्राचीन हैं और नृसिंह भगवान भी प्राचीन हैं. प्रात: काल से ही भगवान के उत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं.

मथुरा: कोरोना महामारी का असर न केवल आम जनमानस पर बल्कि मंदिरों में आयोजित होने वाले उत्सवों पर भी पड़ रहा है. इसी श्रृंखला में मंगलवार को धर्म नगरी वृंदावन में भगवान नृसिंह की जयंती तो श्रद्धाभाव से मनाई गई, लेकिन इस मौके पर धर्म नगरी में जगह-जगह होने वाले नृसिंह प्रकट लीला आदि कार्यक्रम स्थगित करने पड़े. नृसिंह चतुर्दशी के मौके पर अठखम्भा स्थित प्राचीन श्री नृसिंह मंदिर में प्राचीन परंपरा के अनुसार भगवान नृसिंहदेव का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ महाभिषेक के पश्चात नवीन पोशाक धारण कराकर विशेष पूजा अर्चना की गई. बता दें कि मंदिर में आने वाले भक्तों को कोरोना महामारी के तहत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए दर्शन कराए गए.

मनाई गई भगवान नृसिंह जयंती

पुरोहित ने दी जानकारी
पुरोहित विजय किशोर मिश्र ने बताया कि चार जयंतिया प्रधान हैं- कृष्ण जयंती, राम जयंती, बावन जयंती और नृसिंह जयंती. नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी के दिन होती है. उन्होंने बताया स्वाति नक्षत्र में भगवान का जन्म हुआ है और आज स्वाति नक्षत्र है, चतुर्दशी तिथि है. नृसिंह जयंती वैष्णवों के मत से भी और स्मारकों के मत से भी आज ही है. उन्होंने बताया कि इस मौके पर राधा बल्लभ जी का प्रसाद आज भी हनुमान जी पर लगने के लिए आता है. यहां के हनुमान जी भी प्राचीन हैं और नृसिंह भगवान भी प्राचीन हैं. प्रात: काल से ही भगवान के उत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं.

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