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कोरोना जांच के लिए अस्पताल में लगी लंबी लाइन - कोविड-19 की सैंपलिंग

मथुरा जिले में कोविड-19 की सैंपलिंग कराने के लिए आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लंबी लाइन लगने के चलते सैंपलिंग के लिए आए मरीज 4 से 5 घंटे कड़ी धूप में अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं.

सैंपलिंग के लिए अस्पताल में मरीजों की लगी लंबी लाइन
सैंपलिंग के लिए अस्पताल में मरीजों की लगी लंबी लाइन
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Published : May 2, 2021, 1:57 PM IST

मथुरा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी जिले में संसाधनों की कमी के चलते अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है. यह लाइन कोई और नहीं बल्कि कोविड-19 की सैंपलिंग कराने के लिए आए मरीजों की लाइन है. रजिस्ट्रेशन होने के घंटों बाद सैंपलिंग का नंबर आता है. सैंपलिंग पूरी होने के बाद रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन लग जाते हैं. क्योंकि जनपद में मात्र एक टेस्टिंग लैब है, जिसमें 100 से 150 मरीजों की रिपोर्ट ही आ पाती है.

एकमात्र टेस्टिंग लैब होने के चलते मरीज परेशान

जिला अस्पताल में मरीजों की लगी लाइन

प्रदेश सरकार कोविड-19 को लेकर चाहे जितने वादे कर ले, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही तस्वीरें बयां करते हैं. जनपद में संसाधनों की कमी के चलते मरीजों की संख्या में हर रोज कई गुना इजाफा होता नजर आ रहा है. जिला अस्पताल के ट्रॉमा विंग सेंटर में मरीजों की कोविड-19 सैंपलिंग की जा रही है.

जनपद में एकमात्र टेस्टिंग लैब

कोविड-19 सेंपलिंग के लिए जनपद में एकमात्र पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में लैब स्थापित है, जिसमें प्रतिदिन 100 से अधिक मरीजों की रिपोर्ट तैयार होती है. जनपद में प्रतिदिन सैंपलिंग के लिए जिला अस्पताल के ट्रॉमा विंग सेंटर में सुबह 10:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. इस दौरान लगभग 200 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन होता है. वहीं घंटों इंतजार के बाद डॉक्टर सैंपलिंग करने के लिए आते हैं. इसके बाद सैंपलिंग को लैब में टेस्टिंग के लिए भेज दी जाती हैं.

जनपद में 5 अस्पतालों में बेड की व्यवस्था

कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को लेकर शासन द्वारा ऑक्सीजन और आईसीयू बेड के लिए प्राइवेट अस्पतालों में व्यवस्था की गई है. इनमें केडी मेडिकल कॉलेज, नियति अस्पताल, केएम हॉस्पिटल, स्वर्ण जयंती अस्पताल और वृंदावन के जिला संयुक्त अस्पताल शामिल हैं.

इस दौरान मरीज के परिजन विशाल ने बताया कि जिला अस्पताल में कोविड-19 सेंपलिंग कराने के लिए सुबह 9:00 बजे पहुंच गए थे, लेकिन 3 घंटे के बाद उनका नंबर आया है. अभी टेस्ट नहीं हुआ है. कुछ देर में टेस्ट होगा, लेकिन मरीजों की लाइन लगी हुई है. वहीं रामवीर ने बताया जिला अस्पताल में टेस्टिंग कराने के लिए सुबह नंबर लगा दिया गया. तीसरा नंबर है, लेकिन दोपहर 12:00 बजे से ज्यादा समय हो चुका है. अभी तक नंबर नहीं आया है.

इसे भी पढ़ें-बंद घर से मिला बाप-बेटे का शव, पूरा परिवार था कोरोना संक्रमित

इस दौरान डॉक्टर मेघ श्याम गौतम ने बताया कि प्रतिदिन अस्पताल में 200 से अधिक लोगों के रजिस्ट्रेशन होने के बाद कोविड-19 सैंपल ले लिए जाते हैं. रिपोर्ट के लिए लैब में भेजा जाता है. वहीं जनपद में एकमात्र वेटरनरी विश्वविद्यालय हैं. आगरा,नोएडा और अलीगढ़ में सैंपलिंग के लिए रिपोर्ट भेजी जाती हैं. एकमात्र टेस्टिंग लैब होने के कारण मरीजों की रिपोर्ट भी कम आ पाती है.

मथुरा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी जिले में संसाधनों की कमी के चलते अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है. यह लाइन कोई और नहीं बल्कि कोविड-19 की सैंपलिंग कराने के लिए आए मरीजों की लाइन है. रजिस्ट्रेशन होने के घंटों बाद सैंपलिंग का नंबर आता है. सैंपलिंग पूरी होने के बाद रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन लग जाते हैं. क्योंकि जनपद में मात्र एक टेस्टिंग लैब है, जिसमें 100 से 150 मरीजों की रिपोर्ट ही आ पाती है.

एकमात्र टेस्टिंग लैब होने के चलते मरीज परेशान

जिला अस्पताल में मरीजों की लगी लाइन

प्रदेश सरकार कोविड-19 को लेकर चाहे जितने वादे कर ले, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही तस्वीरें बयां करते हैं. जनपद में संसाधनों की कमी के चलते मरीजों की संख्या में हर रोज कई गुना इजाफा होता नजर आ रहा है. जिला अस्पताल के ट्रॉमा विंग सेंटर में मरीजों की कोविड-19 सैंपलिंग की जा रही है.

जनपद में एकमात्र टेस्टिंग लैब

कोविड-19 सेंपलिंग के लिए जनपद में एकमात्र पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में लैब स्थापित है, जिसमें प्रतिदिन 100 से अधिक मरीजों की रिपोर्ट तैयार होती है. जनपद में प्रतिदिन सैंपलिंग के लिए जिला अस्पताल के ट्रॉमा विंग सेंटर में सुबह 10:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. इस दौरान लगभग 200 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन होता है. वहीं घंटों इंतजार के बाद डॉक्टर सैंपलिंग करने के लिए आते हैं. इसके बाद सैंपलिंग को लैब में टेस्टिंग के लिए भेज दी जाती हैं.

जनपद में 5 अस्पतालों में बेड की व्यवस्था

कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को लेकर शासन द्वारा ऑक्सीजन और आईसीयू बेड के लिए प्राइवेट अस्पतालों में व्यवस्था की गई है. इनमें केडी मेडिकल कॉलेज, नियति अस्पताल, केएम हॉस्पिटल, स्वर्ण जयंती अस्पताल और वृंदावन के जिला संयुक्त अस्पताल शामिल हैं.

इस दौरान मरीज के परिजन विशाल ने बताया कि जिला अस्पताल में कोविड-19 सेंपलिंग कराने के लिए सुबह 9:00 बजे पहुंच गए थे, लेकिन 3 घंटे के बाद उनका नंबर आया है. अभी टेस्ट नहीं हुआ है. कुछ देर में टेस्ट होगा, लेकिन मरीजों की लाइन लगी हुई है. वहीं रामवीर ने बताया जिला अस्पताल में टेस्टिंग कराने के लिए सुबह नंबर लगा दिया गया. तीसरा नंबर है, लेकिन दोपहर 12:00 बजे से ज्यादा समय हो चुका है. अभी तक नंबर नहीं आया है.

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इस दौरान डॉक्टर मेघ श्याम गौतम ने बताया कि प्रतिदिन अस्पताल में 200 से अधिक लोगों के रजिस्ट्रेशन होने के बाद कोविड-19 सैंपल ले लिए जाते हैं. रिपोर्ट के लिए लैब में भेजा जाता है. वहीं जनपद में एकमात्र वेटरनरी विश्वविद्यालय हैं. आगरा,नोएडा और अलीगढ़ में सैंपलिंग के लिए रिपोर्ट भेजी जाती हैं. एकमात्र टेस्टिंग लैब होने के कारण मरीजों की रिपोर्ट भी कम आ पाती है.

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