मथुरा: जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन जिला अस्पताल में डेंगू से बचाव और मरीजों को सुझाव देने के लिए कोई मौजूद नहीं है. जिला अस्पताल परिसर में 10 बेड का एक वार्ड बना हुआ है, लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है. अक्टूबर से नवंबर माह तक 294 लोगों की ब्लड सैंपलिंग कराई गई. जिसमें 50 से ज्यादा लोगों में डेंगू पाया गया, लेकिन सीएमओ 10 लोगों को ही डेंगू पॉजिटिव बता रहे हैं.
जिला अस्पताल परिसर में 10 बेड का एक वार्ड बना हुआ है. यह वार्ड शोपीस बनकर रह गया है. पूरे अस्पताल परिसर में डेंगू से बचाव के लिए कहीं पंपलेट तक नहीं लगाया गया है. जिला अस्पताल अधीक्षक आरएस मौर्या ने बताया कि अक्टूबर से नवंबर माह तक 294 लोगों के ब्लड सेंपलिंग कराए गए थे. जिला अस्पताल परिसर में इमरजेंसी वार्ड के पास डेंगू को लेकर एक रूम बनाया गया है, जहां डेंगू के मरीज भर्ती कराए जाएंगे. लोगों को जागरूक करने के लिए जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर सुझाव और बचाव भी बताते हैं. जिन मरीजों में डेंगू पॉजिटिव पाया जाता है. उनको आगरा रेफर कर दिया जाता है.
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स्वास्थ्य विभाग डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने की बात तो कह रहा है, लेकिन डेंगू मानने को तैयार नहीं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी शेर सिंह का कहना है कि बुखार में जैसे ही प्लेटलेट कम होना शुरू होता है, लोग डेंगू को लेकर शोर मचाना शुरू कर देते हैं. पैथोलॉजी लैब में जो किट होती है. वह मामूली बुखार को भी पॉजिटिव यानी कि डेंगू बता देती है. मथुरा में कुछ पैथोलॉजी लैब ऐसी है जो मामूली बुखार को भी डेंगू बता रही है.