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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर बोली हिंदू महासभा, कोर्ट का फैसला पक्ष में आया तो भारत में कहीं नहीं बनने देंगे शाही ईदगाह - शाही ईदगाह मस्जिद

मथुरा में शाही ईदगाह मामले को लेकर हिंदू महासभा ने फिर से बयान जारी किया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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Published : Dec 31, 2022, 4:25 PM IST

मथुराः श्री कृष्ण जन्म भूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) के बराबर में बनी विवादित शाही ईदगाह मस्जिद (sahi Idgah) मामले में न्यायालय द्वारा अमीन नियुक्त करने के बाद लगातार शाही ईदगाह बनाम श्री कृष्ण जन्मभूमि का मामला लगातार गर्माता जा रहा है, दोनों पक्षों की ओर से लगातार बयानबाजी तेज हो गई है. दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का कहना है कि अगर न्यायालय के बाहर बैठकर समझौता हो जाता है तो हम ईदगाह पक्ष को मेवात में 10 एकड़ भूमि देने के लिए तैयार हैं,लेकिन न्यायालय का फैसला हमारे पक्ष में आता है तो हम पूरे हिंदुस्तान में कहीं भी शाही ईदगाह मस्जिद को नहीं बनने देंगे. मथुरा में तो इनको 1 इंच भी जगह ईदगाह के लिए नहीं दी जाएगी. अगर ईदगाह पक्ष चाहे तो न्यायालय के फैसले से पहले बाहर बैठकर समझौता कर ले. हम उन्हें मेवात में जगह दे देंगे, लेकिन बाद में न्यायालय का फैसला आ जाता है और यह समझौते की बात करते हैं तो इन्हें 1 इंच भी जगह नहीं दी जाएगी.



जानकारी देते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने बताया कि आने वाली नवीन वर्ष में हमारी भगवान से यही प्रार्थना है कि इस वर्ष में फैसला जल्दी आ जाए और जल्द से जल्द मंदिर का मथुरा में निर्माण हो और जो सरकारी अमीन रिपोर्ट का माननीय न्यायालय ने आदेश दिया है वह बहुत ही सराहनीय आदेश है. उसका सभी हिंदू और देशवासी स्वागत कर रहे हैं. हिंदू महासभा इस सराहनीय फैसले का बहुत स्वागत करती है और माननीय न्यायालय को उसके लिए बहुत धन्यवाद देती है .

यह बोले हिंदूवादी नेता.
जो विपक्षी लोग हैं ज्यादातर उसमें कांग्रेस के बंधु हैं, वह तरह- तरह की बातें कर रहे हैं. हम उन सभी से कहना चाहते हैं कि पहले यहां सनातन धर्म का भव्य हिंदू मंदिर था, उसको मुस्लिम पक्ष के आका औरंगजेब ने तोड़ दिया और तोड़कर के ईदगाह के रूप में एक स्ट्रक्चर बनाया, तो पहले यहां सनातन धर्म का मंदिर था. उसके बाद ईदगाह बनी. हम ईदगाह पक्ष को भी यह कहना चाहते हैं डॉक्टर हसन जो ईदगाह के अध्यक्ष है उनका बयान आया था कि हम न्यायालय के बाहर भी इस मामले में समझौता कर सकते हैं. मैं डॉक्टर हसन साहब से कहना चाहता हूं कि हम आपको 10 एकड़ जगह मेवात में देने को तैयार हैं. हिंदू महासभा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी. उसमें यह फैसला लिया गया है यदि मुस्लिम पक्ष चाहता है समझौता हो तो हम उनको 10 एकड़ जगह मेवात में देने को तैयार हैं क्योंकि ब्रजभूमि भगवान कान्हा की क्रीडास्थली है. यहां भगवान ब्रजवासियों के साथ खेले थे यहां भगवान का जन्म हुआ था, तो हम ब्रजभूमि चौरासी कोस मैं मुस्लिम पक्ष को एक इंच जगह नहीं देंगे .अगर वह चाहे तो हमसे वह मेवात में 10 एकड़ भूमि ले सकते हैं, हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास है यदि वह चाहे तो न्यायालय का सम्मान करें न्यायालय का जो आदेश होगा वह सर्वमान्य होगा. सभी हिंदुओं की अभिलाषा है कि मामले का जल्द से जल्द निर्णय हो तारीख और डेट तो हम निश्चित नहीं कर सकते वह माननीय न्यायालय का कार्य है .हम इतना जरूर बताना चाहते हैं कि मुस्लिम पक्ष अगर समझौता नहीं करता है तो हिंदुस्तान में ईदगाह नहीं बनने देंगे. हम भारत में 1 इंच जगह नहीं देंगे. यदि माननीय न्यायालय का फैसला आ गया तो वही सर्वमान्य होगा उसी को हम मानेंगे फिर हिंदू महासभा इनको एक इंच जगह नहीं देगी. यह जो 10 एकड़ भूमि है वह समझौते के लिए है. अगर समझौता होता है तो मुस्लिम पक्ष को हिंदू महासभा 10 एकड़ मेवात में जगह देने के लिए तैयार है.


दिनेश कौशिक ने कहा कि अयोध्या में भी हमारे हिंदू पक्ष के पास पूरे साक्ष्य थे तो माननीय न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर फैसला दिया है. उसी प्रकार मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बनेगा क्योंकि हिंदू पक्ष के पास पूरे प्राचीन साक्ष्य हैं .जितनी भी पुरानी खेवट हैं सब में हिंदू पक्ष का नाम है, रेलवे का मुआवजा हिंदू पक्ष को मिला, बिजली का बिल हिंदू पक्ष के नाम है ,पानी का बिल मंदिर के नाम है. मुस्लिम पक्ष के पास तो बिजली का बिल भी नहीं है. इनके पक्ष में फैसला आ ही नहीं सकता है. यह तो केवल 1968 के समझौते को लेकर बैठे हैं. इनके पास कोई सबूत नहीं है. सबूत सारे प्राचीन हिंदू पक्ष के पास है, इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि माननीय न्यायालय हमारे साथ न्याय करेगी.


ये भी पढ़ेंः अधिवक्ताओं ने मोहनलालगंज में नेशनल हाईवे पर लगाया जाम, पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप

मथुराः श्री कृष्ण जन्म भूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) के बराबर में बनी विवादित शाही ईदगाह मस्जिद (sahi Idgah) मामले में न्यायालय द्वारा अमीन नियुक्त करने के बाद लगातार शाही ईदगाह बनाम श्री कृष्ण जन्मभूमि का मामला लगातार गर्माता जा रहा है, दोनों पक्षों की ओर से लगातार बयानबाजी तेज हो गई है. दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का कहना है कि अगर न्यायालय के बाहर बैठकर समझौता हो जाता है तो हम ईदगाह पक्ष को मेवात में 10 एकड़ भूमि देने के लिए तैयार हैं,लेकिन न्यायालय का फैसला हमारे पक्ष में आता है तो हम पूरे हिंदुस्तान में कहीं भी शाही ईदगाह मस्जिद को नहीं बनने देंगे. मथुरा में तो इनको 1 इंच भी जगह ईदगाह के लिए नहीं दी जाएगी. अगर ईदगाह पक्ष चाहे तो न्यायालय के फैसले से पहले बाहर बैठकर समझौता कर ले. हम उन्हें मेवात में जगह दे देंगे, लेकिन बाद में न्यायालय का फैसला आ जाता है और यह समझौते की बात करते हैं तो इन्हें 1 इंच भी जगह नहीं दी जाएगी.



जानकारी देते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने बताया कि आने वाली नवीन वर्ष में हमारी भगवान से यही प्रार्थना है कि इस वर्ष में फैसला जल्दी आ जाए और जल्द से जल्द मंदिर का मथुरा में निर्माण हो और जो सरकारी अमीन रिपोर्ट का माननीय न्यायालय ने आदेश दिया है वह बहुत ही सराहनीय आदेश है. उसका सभी हिंदू और देशवासी स्वागत कर रहे हैं. हिंदू महासभा इस सराहनीय फैसले का बहुत स्वागत करती है और माननीय न्यायालय को उसके लिए बहुत धन्यवाद देती है .

यह बोले हिंदूवादी नेता.
जो विपक्षी लोग हैं ज्यादातर उसमें कांग्रेस के बंधु हैं, वह तरह- तरह की बातें कर रहे हैं. हम उन सभी से कहना चाहते हैं कि पहले यहां सनातन धर्म का भव्य हिंदू मंदिर था, उसको मुस्लिम पक्ष के आका औरंगजेब ने तोड़ दिया और तोड़कर के ईदगाह के रूप में एक स्ट्रक्चर बनाया, तो पहले यहां सनातन धर्म का मंदिर था. उसके बाद ईदगाह बनी. हम ईदगाह पक्ष को भी यह कहना चाहते हैं डॉक्टर हसन जो ईदगाह के अध्यक्ष है उनका बयान आया था कि हम न्यायालय के बाहर भी इस मामले में समझौता कर सकते हैं. मैं डॉक्टर हसन साहब से कहना चाहता हूं कि हम आपको 10 एकड़ जगह मेवात में देने को तैयार हैं. हिंदू महासभा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी. उसमें यह फैसला लिया गया है यदि मुस्लिम पक्ष चाहता है समझौता हो तो हम उनको 10 एकड़ जगह मेवात में देने को तैयार हैं क्योंकि ब्रजभूमि भगवान कान्हा की क्रीडास्थली है. यहां भगवान ब्रजवासियों के साथ खेले थे यहां भगवान का जन्म हुआ था, तो हम ब्रजभूमि चौरासी कोस मैं मुस्लिम पक्ष को एक इंच जगह नहीं देंगे .अगर वह चाहे तो हमसे वह मेवात में 10 एकड़ भूमि ले सकते हैं, हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास है यदि वह चाहे तो न्यायालय का सम्मान करें न्यायालय का जो आदेश होगा वह सर्वमान्य होगा. सभी हिंदुओं की अभिलाषा है कि मामले का जल्द से जल्द निर्णय हो तारीख और डेट तो हम निश्चित नहीं कर सकते वह माननीय न्यायालय का कार्य है .हम इतना जरूर बताना चाहते हैं कि मुस्लिम पक्ष अगर समझौता नहीं करता है तो हिंदुस्तान में ईदगाह नहीं बनने देंगे. हम भारत में 1 इंच जगह नहीं देंगे. यदि माननीय न्यायालय का फैसला आ गया तो वही सर्वमान्य होगा उसी को हम मानेंगे फिर हिंदू महासभा इनको एक इंच जगह नहीं देगी. यह जो 10 एकड़ भूमि है वह समझौते के लिए है. अगर समझौता होता है तो मुस्लिम पक्ष को हिंदू महासभा 10 एकड़ मेवात में जगह देने के लिए तैयार है.


दिनेश कौशिक ने कहा कि अयोध्या में भी हमारे हिंदू पक्ष के पास पूरे साक्ष्य थे तो माननीय न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर फैसला दिया है. उसी प्रकार मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बनेगा क्योंकि हिंदू पक्ष के पास पूरे प्राचीन साक्ष्य हैं .जितनी भी पुरानी खेवट हैं सब में हिंदू पक्ष का नाम है, रेलवे का मुआवजा हिंदू पक्ष को मिला, बिजली का बिल हिंदू पक्ष के नाम है ,पानी का बिल मंदिर के नाम है. मुस्लिम पक्ष के पास तो बिजली का बिल भी नहीं है. इनके पक्ष में फैसला आ ही नहीं सकता है. यह तो केवल 1968 के समझौते को लेकर बैठे हैं. इनके पास कोई सबूत नहीं है. सबूत सारे प्राचीन हिंदू पक्ष के पास है, इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि माननीय न्यायालय हमारे साथ न्याय करेगी.


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