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श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में कोर्ट में 16 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई - shri krishna janmabhoomi case news

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई.
श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई.
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Published : Oct 12, 2020, 3:21 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 10:46 PM IST

15:12 October 12

श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर के मालिकाना हक के मामले में सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और वादी पक्ष डीजे कोर्ट में मौजूद रहे. इस दौरान वादी पक्ष की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किए गए. अब मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई.

मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने सोमवार को जिला जज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. दोपहर बाद जिला जज साधना रानी ठाकुर ने वादी पक्ष की दलील सुनने के बाद प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.  

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने 25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली थी. इसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया. अधिवक्ताओं ने कोर्ट से मांग की है कि श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए. बता दें कि 30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी थी.

क्या है मामला
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर दुख जताया. स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को पत्र लिखकर जन्मभूमि पुनरुद्धा की बात कही थी. 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने जिला जज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.

सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया जिला जज कोर्ट में आज श्री कृष्ण जन्मभूमि मालिकाना हक के मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया था. दोपहर बाद यह प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया गया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी, जबकि 30 सितंबर को सिविल सीनियर डिवीजन जज छाया शर्मा ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की याचिका खारिज कर दी गई थी. जिला जज ने वादी पक्ष की दलील सुनने के बाद प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया और छाया शर्मा की कोर्ट से पत्रावली को मंगाने के आदेश किए हैं. सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता द्वारा 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा ट्रस्ट द्वारा डेढ़ एकड़ भूमि डिक्री कर दी गई थी. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने डीजे कोर्ट में पिटीशन फाइल किया है.

15:12 October 12

श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर के मालिकाना हक के मामले में सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और वादी पक्ष डीजे कोर्ट में मौजूद रहे. इस दौरान वादी पक्ष की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किए गए. अब मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई.

मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने सोमवार को जिला जज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. दोपहर बाद जिला जज साधना रानी ठाकुर ने वादी पक्ष की दलील सुनने के बाद प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.  

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने 25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली थी. इसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया. अधिवक्ताओं ने कोर्ट से मांग की है कि श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए. बता दें कि 30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी थी.

क्या है मामला
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर दुख जताया. स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को पत्र लिखकर जन्मभूमि पुनरुद्धा की बात कही थी. 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने जिला जज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.

सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया जिला जज कोर्ट में आज श्री कृष्ण जन्मभूमि मालिकाना हक के मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया था. दोपहर बाद यह प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया गया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी, जबकि 30 सितंबर को सिविल सीनियर डिवीजन जज छाया शर्मा ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की याचिका खारिज कर दी गई थी. जिला जज ने वादी पक्ष की दलील सुनने के बाद प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया और छाया शर्मा की कोर्ट से पत्रावली को मंगाने के आदेश किए हैं. सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता द्वारा 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा ट्रस्ट द्वारा डेढ़ एकड़ भूमि डिक्री कर दी गई थी. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने डीजे कोर्ट में पिटीशन फाइल किया है.

Last Updated : Oct 12, 2020, 10:46 PM IST
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