मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण (Shri Krishna Janmabhoom case) को लेकर दो मामले की सुनवाई 12 जनवरी 2023 तक के लिए टाल दी गई है. मंगलवार को दो न्यायालय में मामले की सुनवाई होनी थी. लेकिन, कोर्ट में न्यायधीश के उपस्थित न होने के कारण दोनों ही याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो सकी. मंगलवार को वादी महेंद्र प्रताप सिंह और दुष्यंत सारस्वत की याचिका सुनवाई होनी थी.
सुन्नी सेंट्रल बोर्ड हुआ हाजिरः श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर प्रतिवादी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड अधिवक्ता नीरज कुमार मंगलवार को न्यायालय में उपस्थित हुए. अधिवक्ता नीरज कुमार पिछले कई बार से मामले की सुनवाई में उपस्थित नहीं हो रहे थे और न ही उनकी तरफ से कोई जवाब दाखिल किया जा रहा था. वहीं न्यायालय और वादी अधिवक्ता ने प्रकरण की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई है. प्रतिवादी का आरोप है कि उन्हें प्रतिलिपि नहीं मिली है, जिसके चलते वो अपना जवाब दाखिल नहीं कर पा रहे हैं.
सरकारी अमीन भेजकर रिपोर्ट मंगाने की मांगः वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने मांग की थी की ईदगाह परिसर में हिंदू संस्कृति की आकृतियां जो कि मस्जिद पर बनी हुई है. कुछ तत्व उनको नष्ट करना चाहते हैं, इसलिए सरकारी अमीन भेज कर मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट न्यायालय में उपस्थित की जाए. जबकि प्रतिवादी इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. वह हमेशा से मामले को अनदेखा करना चाहता है.
8 न्यायालय में याचिकाएं विचाराधीनः श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर न्यायालय में 8 याचिकाएं विचाराधीन हैं, जिसमें प्रमुख अखिल भारत हिंदू महासभा, वादी महेंद्र प्रताप सिंह, अनिल त्रिपाठी, दुष्यंत सारस्वत, रंजना अग्निहोत्री, मनीष यादव की दो अन्य याचिकाएं हैं. वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर आज महत्वपूर्ण सुनवाई होनी थी. पिछले कई बार से प्रतिवादी अधिवक्ता सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे थे.
ये भी पढ़ेंः निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आज, आरक्षण पर फंसा पेच तो टल सकते हैं चुनाव