मथुरा. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर बुधवार को जनपद के जिलाजज की कोर्ट में सुनवाई हुई. चार प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता और वादी पक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहे. डेढ़ घंटे बहस होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी. दरअसल, 2 साल पूर्व 25 सितंबर को कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर भक्त की हैसियत से न्यायालय में पहली पिटीशन दायर की गई थी. यही नहीं, समय-समय पर वादी प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहकर अपना पक्ष रखा.
वहीं, जिलाजज की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक के मामले में न्यायालय में शाही ईदगाह पक्ष अधिवक्ता ने कहा कि यह वाद सुनने लायक ही नहीं है. इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए. कहा कि पिछले कई दशकों से उसी स्थान पर शांति सौहार्द के साथ दिवाली और ईद मनाई जा रही है. कुछ लोग मथुरा में माहौल खराब करना चाहते हैं. इसके चलते विवादित मामला न्यायालय में डाला गया है. यह मामला निराधार है.
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गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर दायर की गई पिटीशन में चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए हैं. इसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी बोर्ड को प्रतिवादी पक्ष शामिल हैं. श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है.
श्री कृष्ण जन्मस्थान जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
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