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Shri Krishna Janmabhoomi case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई एक बार फिर टली, जानिए क्यों? - श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण

मथुरा अपर जिला नयायाधीश सिक्स के कोर्ट में दाखिल महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका डिवीजन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई टल गई है. इस पर अगली सुनवाई फरवरी 23 को होगी.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई टली
श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई टली
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Published : Feb 16, 2023, 6:01 PM IST

श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई टली

मथुरा: जनपद के अपर जिला नयायाधीश 6 के कोर्ट में गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर वादी महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका डिवीजन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी. लेकिन, न्यायालय में व्यस्तता के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. इस प्रकरण को लेकर अगली सुनवाई 23 फरवरी को तय की गई है. मुस्लिम पक्ष द्वारा केस में बहस पूरी हो चुकी है. सेंट्रल सुन्नी बोर्ड के अधिवक्ता अपनी बहस अगली सुनवाई के दौरान करेंगे.

रिवीजन प्रार्थना पत्र की सुनवाई टली: गुरुवार को जनपद के अपर जिला न्यायधीश सिक्स की कोर्ट में वादी महेंद्र प्रताप सिंह के रिवीजन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी. याचिका में मांग की गई थी कि विवादित स्थल का सर्वे सरकारी अमीन और पुरातत्व विभाग की टीम के द्वारा कराना अतिआवश्यक है. क्योंकि कुछ लोगों द्वारा प्राचीन साक्ष्य को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है.

पिछली तारीख पर महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका वाद संख्या 950 अपर जिला न्यायाधीश सिक्स की कोर्ट में मुस्लिम पक्ष और वादी पक्ष न्यायालय में उपस्थित हुए थे. 8 फरवरी को दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे. जज साहब ने वादी और प्रतिवादी अधिवक्ता को ध्यान से सुना. जिसमें ईदगाह मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. न्यायलय ने अपना फैसला भी रिजर्व में रख लिया है कि 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी या फिर वादी महेंद्र प्रताप सिंह की रिवीजन प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाएगा.


क्या है रिवीजन प्रार्थना पत्र में:वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र रिवीजन को लेकर अपर जिला न्यायाधीश सिक्स के कोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की थी कि विवादित स्थान का सरकारी अमीन द्वारा सर्वे करना अति महत्तवपूर्ण है. क्योंकि विवादित स्थान से प्राचीन धरोहर मस्जिद में अंकित सनातन धर्म के प्रतीक को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए सरकारी अमीन और पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा विवादित स्थान का सर्वे कराना जरूरी है. जिससे वहां की जमीनी हकीकत न्यायालय और भक्त गणों के सामने आ सके.

ये है मौजूदा स्थिति: श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 मे श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था उसमें जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

तनवीर अहमद अधिवक्ता ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर एडीजे सिक्स की कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायालय में कागजी वर्क अधिक होने के कारण सुनवाई टल गई. अगली सुनवाई 23 फरवरी को तय की गई है. पिछली तारीख पर मुस्लिम पक्ष द्वारा कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की गई. जिसमें कहा गया था कि पिछले साल जुलाई में वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने जिला जज के कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. जिला जज के द्वारा प्रार्थना पत्र को ना तो खारिज किया गया और ना ही आदेश सुनाया गया .उसी के बदले में वादी ने एडीजे की कोर्ट में रिवीजन प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. 23 फरवरी को मालूम होगा कि रिवीजन प्रार्थना पत्र खारिज होगा या फिर 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी.

यह भी पढे़ं:Mathura News: श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में अगली सुनवाई 10 फरवरी को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई टली

मथुरा: जनपद के अपर जिला नयायाधीश 6 के कोर्ट में गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर वादी महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका डिवीजन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी. लेकिन, न्यायालय में व्यस्तता के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. इस प्रकरण को लेकर अगली सुनवाई 23 फरवरी को तय की गई है. मुस्लिम पक्ष द्वारा केस में बहस पूरी हो चुकी है. सेंट्रल सुन्नी बोर्ड के अधिवक्ता अपनी बहस अगली सुनवाई के दौरान करेंगे.

रिवीजन प्रार्थना पत्र की सुनवाई टली: गुरुवार को जनपद के अपर जिला न्यायधीश सिक्स की कोर्ट में वादी महेंद्र प्रताप सिंह के रिवीजन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी. याचिका में मांग की गई थी कि विवादित स्थल का सर्वे सरकारी अमीन और पुरातत्व विभाग की टीम के द्वारा कराना अतिआवश्यक है. क्योंकि कुछ लोगों द्वारा प्राचीन साक्ष्य को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है.

पिछली तारीख पर महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका वाद संख्या 950 अपर जिला न्यायाधीश सिक्स की कोर्ट में मुस्लिम पक्ष और वादी पक्ष न्यायालय में उपस्थित हुए थे. 8 फरवरी को दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे. जज साहब ने वादी और प्रतिवादी अधिवक्ता को ध्यान से सुना. जिसमें ईदगाह मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. न्यायलय ने अपना फैसला भी रिजर्व में रख लिया है कि 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी या फिर वादी महेंद्र प्रताप सिंह की रिवीजन प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाएगा.


क्या है रिवीजन प्रार्थना पत्र में:वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र रिवीजन को लेकर अपर जिला न्यायाधीश सिक्स के कोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की थी कि विवादित स्थान का सरकारी अमीन द्वारा सर्वे करना अति महत्तवपूर्ण है. क्योंकि विवादित स्थान से प्राचीन धरोहर मस्जिद में अंकित सनातन धर्म के प्रतीक को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए सरकारी अमीन और पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा विवादित स्थान का सर्वे कराना जरूरी है. जिससे वहां की जमीनी हकीकत न्यायालय और भक्त गणों के सामने आ सके.

ये है मौजूदा स्थिति: श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 मे श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था उसमें जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

तनवीर अहमद अधिवक्ता ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर एडीजे सिक्स की कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायालय में कागजी वर्क अधिक होने के कारण सुनवाई टल गई. अगली सुनवाई 23 फरवरी को तय की गई है. पिछली तारीख पर मुस्लिम पक्ष द्वारा कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की गई. जिसमें कहा गया था कि पिछले साल जुलाई में वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने जिला जज के कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. जिला जज के द्वारा प्रार्थना पत्र को ना तो खारिज किया गया और ना ही आदेश सुनाया गया .उसी के बदले में वादी ने एडीजे की कोर्ट में रिवीजन प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. 23 फरवरी को मालूम होगा कि रिवीजन प्रार्थना पत्र खारिज होगा या फिर 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी.

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