मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर दायर की गई पहली याचिका पर मंगलवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई. श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट और श्रीकृष्ण सेवा संस्थान के अधिवक्ताओं ने तीन घंटे तक न्यायालय में बहस की. अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जज ने अगली सुनवाई के लिए 5 जनवरी 2022 तिथि निर्धारित की है. इस दिन शाही ईदगाह कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखेंगे.
गौरतलब है कि 25 सितंबर 2019 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने जनपद के न्यायालय में वाद दर्ज कराया था. इसी याचिका पर जिला जज की न्यायालय में मंगलवार को दो प्रतिवादी पक्षों ने अपनी बहस पूरी की.
मामले की सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि सुनवाई के दौरान न्यायालय में वादी-प्रतिवादी के अधिवक्ता मौजूद रहे. हरिशंकर जैन ने बताया कि न्यायाधीश नए आए हैं, उनके सामने इस केस की नए सिरे से बहस की गई. उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और ट्रस्ट ने बहस पूरी कर ली है.
श्री कृष्ण जन्मस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि न्यायधीश के समक्ष इस प्रकरण की सुनवाई दोपहर 12:00 बजे प्रारंभ हुई और लंच के बाद भी जारी रही. न्यायधीश इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी बहस सुनी.
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शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि नए जज साहब के सामने श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले के प्रकरण की बहस नए सिरे से शुरू हुई. दो पक्षकारों ने अपना पक्ष रखा है. अब इस मामले में 5 जनवरी 2022 को अगली सुनवाई होगी. 5 जनवरी को शाही ईदगाह कमेटी और सुन्नी बोर्ड अपना पक्ष रखेंगे.
गौरतलब है कि श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए.