मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने बीते शुक्रवार को एक याचिका डाली थी. याचिका पर आज यानी बुधवार को मथुरा कोर्ट में सुनवाई होगी. सुनवाई मथुरा कोर्ट के सीनियर डिवीजन करेंगे. बता दें, जन्मभूमि मामले को लेकर मंदिर परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
जानकारी के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मभूमि संस्थान का परिसर 13.27 एकड़ में बना हुआ है. डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद चौकी मुगल शासक औरंगजेब द्वारा बनवाई गई थी. इस मस्जिद को हटाने के लिए और अपना मालिकाना हक लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रंजना अग्निहोत्री, हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन सहित पांच अधिवक्ताओं ने मथुरा कोर्ट में शुक्रवार को 58 पन्नों की याचिका डाली थी. मामले में आज सुनवाई होगी. देखना होगा कि कोर्ट याचिका को स्वीकार करेगा या निरस्त कर दिया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ श्रीकृष्ण जन सेवा संस्थान के पदाधिकारी और शाही ईदगाह कमेटी द्वारा अपने-अपने जमीनी कागजात खंगालने में लगे हैं.
बताया जाता है कि ब्रिटिश शासनकाल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय मथुरा आए तो वे श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर दुखित हुए. स्थानीय लोगों ने मदन मोहन मालवीय से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. इसके बाद मदन मोहन मालवीय ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनर्रुद्धार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की स्थापना की. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. अब शाही ईदगाह की जमीन को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा याचिका डाली गई है. अधिवक्ताओं ने अपने मालिकाना हक को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. उनका कहना है कि औरंगजेब द्वारा बनवाई गई अवैध मस्जिद को हटा लिया जाए और पूरा परिसर श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में मिला दिया जाए.