मथुरा: विश्व के कल्याण के लिए सन्तों द्वारा किए गए कार्यों का वर्णन हर जगह देखा जा सकता है. विश्व में शांति के लिए जप-तप के साथ ही कठोर साधना संतों द्वारा की जाती है. ऐसा ही उदाहरण इन दिनों धर्म नगरी वृंदावन में चल रहे कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक यानी कुम्भ मेला में देखा जा सकता है. यहां देश के कोने-कोने से आए विभिन्न अखाड़े, खालसा व संप्रदायों के सन्त भजन और साधना कर रहे हैं. इसी श्रृंखला में अयोध्या से पधारे अखिल भारतीय पंच तेरह भाई त्यागी खालसा के संतों द्वारा अपने चारों ओर आग प्रज्ज्वलित कर धूनी रमाई जा रही है. तेज धूप में भी धूनी रमाकर तपस्या कर रहे ये हठ योगी संत सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इस तपस्या और नियम के संबंध में संत राघवेंद्र दास ब्रह्मचारी ने जानकारी दी.
कुम्भ मेला में धूनी रमाकर तपस्या कर रहे सन्त
संतों के द्वारा विभिन्न प्रकार से साधना कर विश्व कल्याण की कामना की जा रही है. साधु संत कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में अलग-अलग तरीके से भगवान की साधना में लीन नजर आ रहे हैं. साधु-संतों द्वारा कहीं भजन किए जा रहे हैं तो कहीं साधु संत धूप में धूनी लगाए प्रभु की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं .
आग के बीच में बैठकर कर रहे तपस्या
धर्म नगरी वृंदावन में आयोजित हुए कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में पहला शाही स्नान 27 फरवरी को होने जा रहा है. इसमें देश के सभी साधु-संत हिस्सा लेंगे. कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में अयोध्या से आए अखिल भारतीय पंच तेरह भाई त्यागी खालसा के संतों द्वारा विश्व कल्याण की भावना से धूप में धूनी रमाकर तपस्या की जा रही है. संतों की यह तपस्या सभी का अपनी ओर ध्यान आकर्षित कर रही है.
संत राघवेंद्र दास ब्रह्मचारी ने दी जानकारी
संत राघवेंद्र दास ब्रह्मचारी ने बताया कि हम लोग विश्व कल्याण की कामना के लिए यह कठोर तप कर रहे हैं. हम प्रभु को प्रसन्न कर विश्व कल्याण की कामना कर रहे हैं. यूं तो हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से तपस्या कर रहा है. हमारे द्वारा भी विश्व कल्याण के लिए धूनी रमाकर तपस्या की जा रही है, जिससे की विश्व का कल्याण हो.