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मथुरा: प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में हुई गोवर्धन पूजा - उत्तर प्रदेश समाचार

मथुरा में दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा धूम धाम से मनाई गई. हालांकि कोरोना प्रोटोकॉल देखते हुए सिमित संख्या में ही लोग मौजूद रहे.

द्वारकाधीश मंदिर में गोवर्धन पूजा
द्वारकाधीश मंदिर में गोवर्धन पूजा
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Published : Nov 15, 2020, 8:09 PM IST

मथुरा: दिवाली के अगले दिन संपूर्ण देश में गोवर्धन पूजा मनाई जाती है. भक्त भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं कान्हा की नगरी मथुरा में गोवर्धन पूजा पर अलग ही धूम मची रहती है. जनपद के सभी मंदिरों में विधिवत पूजा-अर्चना होती है, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के चलते इस बार काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त कान्हा की नगरी मथुरा में अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए नहीं पहुंच पाए हैं.

द्वारकाधीश मंदिर में गोवर्धन पूजा
मथुरा के मंदिरों में गोवर्धन पूजा बड़ी धूम-धाम से की गई. प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान गोवर्धन की पूजा अर्चना के साथ ही आरती की. द्वारकाधीश मंदिर में भी विधिवत गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया. मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि "पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के ठाकुर द्वारकाधीश जी महाराज मंदिर में सभी कार्यक्रमों का निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 बृजेश कुमार जी महाराज के द्वारा किया जाता है, और उसका निर्देशन मंदिर के गोस्वामी भावेश कुमार जी के द्वारा किया जाता है. गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम ठाकुर को द्वारकाधीश मंदिर में किया गया."मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि "कोरोना काल है इसलिए जनमानस के लिए कार्यक्रम को भंग किया गया था. गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से किया गया. भगवान श्री कृष्ण ने अपने बाल्यकाल में ही इंद्र के अभिमान का दमन किया और ब्रज वासियों को यह एहसास कराया कि वह बालक नहीं एक भगवान है. इंद्र ने कुपित होकर सात दिन तक ब्रज वासियों के ऊपर बरसात की. ब्रज वासियों की रक्षा के लिए भगवान ने अपनी कन्नी उंगली पर सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा. उसके बाद से ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना आरंभ हो गई. इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया. इस दौरान कान्हा को नए वस्त्र भी पहनाए गए. वहीं मंदिर को रंगोली से सजाया गया.

मथुरा: दिवाली के अगले दिन संपूर्ण देश में गोवर्धन पूजा मनाई जाती है. भक्त भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं कान्हा की नगरी मथुरा में गोवर्धन पूजा पर अलग ही धूम मची रहती है. जनपद के सभी मंदिरों में विधिवत पूजा-अर्चना होती है, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के चलते इस बार काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त कान्हा की नगरी मथुरा में अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए नहीं पहुंच पाए हैं.

द्वारकाधीश मंदिर में गोवर्धन पूजा
मथुरा के मंदिरों में गोवर्धन पूजा बड़ी धूम-धाम से की गई. प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान गोवर्धन की पूजा अर्चना के साथ ही आरती की. द्वारकाधीश मंदिर में भी विधिवत गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया. मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि "पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के ठाकुर द्वारकाधीश जी महाराज मंदिर में सभी कार्यक्रमों का निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 बृजेश कुमार जी महाराज के द्वारा किया जाता है, और उसका निर्देशन मंदिर के गोस्वामी भावेश कुमार जी के द्वारा किया जाता है. गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम ठाकुर को द्वारकाधीश मंदिर में किया गया."मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि "कोरोना काल है इसलिए जनमानस के लिए कार्यक्रम को भंग किया गया था. गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से किया गया. भगवान श्री कृष्ण ने अपने बाल्यकाल में ही इंद्र के अभिमान का दमन किया और ब्रज वासियों को यह एहसास कराया कि वह बालक नहीं एक भगवान है. इंद्र ने कुपित होकर सात दिन तक ब्रज वासियों के ऊपर बरसात की. ब्रज वासियों की रक्षा के लिए भगवान ने अपनी कन्नी उंगली पर सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा. उसके बाद से ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना आरंभ हो गई. इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया. इस दौरान कान्हा को नए वस्त्र भी पहनाए गए. वहीं मंदिर को रंगोली से सजाया गया.
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