मथुरा: बुधवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में चौथी पिटीशन पर सुनवाई होनी थी, लेकिन वादी प्रतिवादी पक्ष न्यायालय में उपस्थित न होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अब अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी. अपने आप को श्रीकृष्ण का वंशज बताने वाले हिंदू आर्मी चीफ संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने पिछले साल श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी.
हिंदू आर्मी चीफ संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव की पिटीशन पर बुधवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन वादी प्रतिवादी पक्ष उपस्थित न होने के कारण मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.
लखनऊ निवासी हिंदू आर्मी चीफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने अपने आप को श्रीकृष्ण भगवान का वंशज बताया था. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मालिकाना हक और परिसर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मांग को लेकर उनके वकील पंकज जोशी ने मथुरा सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी. पिटीशन में सुन्नी वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह कमेटी, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण सेवा ट्रस्ट को पार्टी बनाया गया है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान, जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. पिटीशन में मांग की गई है कि पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट का इसमें डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
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12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता, कृष्ण भक्त, कृष्ण वंशज और मंदिर सेवायत द्वारा सीनियर डिवीजन सिविल जज की कोर्ट में पांच मामले दायर किये गए, जो कि अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं.