मथुरा : गोकुल भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का साक्षी है. यहां इन दिनों होली के त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाए जा रहे हैं. गोकुल के रमणरेती गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में पांच दिवसीय होली महोत्सव कार्यक्रम चल रहा है. बुधवार को यहां चौथे दिन होली भव्यता के साथ खेली गई. सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के बाद राधा-कृष्ण की लीलाएं और फूलों की होली का श्रद्धालुओं ने अद्भुत आनंद लिया. दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने गुरु शरणानंद महाराज के साथ भी होली खेली.
बुधवार को गोकुल के रमन रेती गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में होली महोत्सव कार्यक्रम में चौथे दिन होली धूमधाम से खेली गई. दूरदराज से आए श्रद्धालु ने होली का अद्भुत आनंद लिया. आश्रम में लट्ठमार होली और फूलों की होली धूमधाम से खेल गई. इस दौरान भगवान कृष्ण की लीलाएं दिखाई गई. बता दें कि ब्रज में होली बसंत पंचमी की दिन से प्रारंभ हो जाती है. यहां 40 दिनों तक होली धूमधाम से खेली जाती है. लड्डुओं की होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली, गुलाल और रंगों की होली श्रद्धालुओं को खूब भाती है.
बरसाना में 23 मार्च को होगी लट्ठमार होली
राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में 22 मार्च को एक बार फिर लड्डू मार होली खेली जाएगी. 23 मार्च को नंद गांव की ग्वाला बरसाने की गोपियां लट्ठमार होली खेलेंगी. लट्ठमार होली खेलने और देखने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. इस कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.
श्रद्धालु महिला ने बताया कि ब्रज की होली का एक अद्भुत आनंद महसूस किया जाता है. हम लोगों ने परिवार के सदस्यों के साथ ब्रज की होली देखने और खेलने के लिए आए हैं. आज गोकुल में गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में होली खेली गई, बहुत ही मजा आया. एक और महिला श्रद्धालु ने बताया कि ब्रज में इस बार कोविड-19 वायरस की वजह से होली में कुछ रंग फीका रह गया, क्योंकि रंगों व गुलाल की होली नहीं खेली गई. लेकिन इस बार फूलों और लड्डू की होली खेलकर मजा आया.
यहां 40 दिनों तक खेली जाती है होली
आश्रम के महंत ने बताया कि ब्रज में होली महोत्सव बसंत पंचमी के दिन से प्रारंभ होता है, जो 40 दिनों तक खेली जाती है. बुधवार को आश्रम में लड्डू मार होली, फूलों की होली और लट्ठमार होली खेली गई. दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने भी होली का आनंद लिया.