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महिला कांस्टेबल बनी लावारिस शव की वारिस, दी मुखाग्नि

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक महिला कांस्टेबल ने अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर न केवल कुरीतियों को दूर करने की मिसाल पेश की बल्कि महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी पेश किया.

मथुरा
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Published : Apr 16, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 8:50 PM IST

मथुराः जिले के कोसीकला थाने में तैनात महिला कॉन्स्टेबल शालिनी ने महिला उत्थान की अनोखी मिसाल पेश की है. उन्होंने यमुना नदी के किनारे अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया. इस तरह उन्होंने कुरीतियों को दूर करने का संदेश दिया. 12 अप्रैल को कोसीकला के शेर नगर में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था.

महिला सशक्तिकरण का उदाहरण

मिल रही सराहना
झांसी की रहने वाली शालिनी, वर्तमान में मथुरा जनपद के कोसीकला थाना में महिला कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं. यहां वह तीन वर्षों से ड्यूटी कर रही हैं. थाने में अक्सर लोगों की समस्याएं सुनती नजर आती हैं. 12 अप्रैल को अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. उसके अंतिम संस्कार का सवाल उठा तो शालिनी आगे आईं और यमुना नदी के किनारे शव का अंतिम संस्कार किया. सोशल मीडिया पर महिला कॉन्स्टेबल को लोगों की सराहना मिल रही है.

कुरीतियों को दूर करने का दे रहीं संदेश
दरअसल, किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो अंतिम संस्कार और श्मशान घाट पर किसी महिला को जाने की इजाजत नहीं होती. शालिनी ने ऐसी कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया है. महिलाएं आज के इस दौर में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर तरक्की की राह आसान करती हैं. शालिनी ने भी बिना डरे या बिना हिचकिचाहट के अंतिम संस्कार किया. शालिनी ने कहा कि लोग समझते हैं की महिलाएं श्मशान में जाने से डरती हैं. इस मिथक को तोड़ने के लिए मैंने अंतिम संस्कार किया.

इसे भी पढ़ेंः महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार के दावे की खुली पोल

12 अप्रैल को मिला था अज्ञात व्यक्ति का शव
कोसीकला थाना क्षेत्र के शेर नगर में 12 अप्रैल की दोपहर को अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अज्ञात व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हुई. पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद अंतिम संस्कार कराने के लिए यमुना नदी के किनारे पहुंचे. महिला कांस्टेबल ने आगे आकर अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया.

ये है इंसानियत का फर्ज
महिला कांस्टेबल शालिनी ने कहा कि आज के दौर में ऐसी कुरीतियों को दूर करना चाहिए, जो इंसान होने का फर्ज नहीं निभाती. मैंने आगे आकर शव का अंतिम संस्कार किया. सरकार की ओर से अज्ञात व्यक्ति के शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए निधि भेजी जाती है. उसी के तहत सामाजिक संस्था द्वारा अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया है.

मथुराः जिले के कोसीकला थाने में तैनात महिला कॉन्स्टेबल शालिनी ने महिला उत्थान की अनोखी मिसाल पेश की है. उन्होंने यमुना नदी के किनारे अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया. इस तरह उन्होंने कुरीतियों को दूर करने का संदेश दिया. 12 अप्रैल को कोसीकला के शेर नगर में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था.

महिला सशक्तिकरण का उदाहरण

मिल रही सराहना
झांसी की रहने वाली शालिनी, वर्तमान में मथुरा जनपद के कोसीकला थाना में महिला कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं. यहां वह तीन वर्षों से ड्यूटी कर रही हैं. थाने में अक्सर लोगों की समस्याएं सुनती नजर आती हैं. 12 अप्रैल को अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. उसके अंतिम संस्कार का सवाल उठा तो शालिनी आगे आईं और यमुना नदी के किनारे शव का अंतिम संस्कार किया. सोशल मीडिया पर महिला कॉन्स्टेबल को लोगों की सराहना मिल रही है.

कुरीतियों को दूर करने का दे रहीं संदेश
दरअसल, किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो अंतिम संस्कार और श्मशान घाट पर किसी महिला को जाने की इजाजत नहीं होती. शालिनी ने ऐसी कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया है. महिलाएं आज के इस दौर में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर तरक्की की राह आसान करती हैं. शालिनी ने भी बिना डरे या बिना हिचकिचाहट के अंतिम संस्कार किया. शालिनी ने कहा कि लोग समझते हैं की महिलाएं श्मशान में जाने से डरती हैं. इस मिथक को तोड़ने के लिए मैंने अंतिम संस्कार किया.

इसे भी पढ़ेंः महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार के दावे की खुली पोल

12 अप्रैल को मिला था अज्ञात व्यक्ति का शव
कोसीकला थाना क्षेत्र के शेर नगर में 12 अप्रैल की दोपहर को अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अज्ञात व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हुई. पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद अंतिम संस्कार कराने के लिए यमुना नदी के किनारे पहुंचे. महिला कांस्टेबल ने आगे आकर अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया.

ये है इंसानियत का फर्ज
महिला कांस्टेबल शालिनी ने कहा कि आज के दौर में ऐसी कुरीतियों को दूर करना चाहिए, जो इंसान होने का फर्ज नहीं निभाती. मैंने आगे आकर शव का अंतिम संस्कार किया. सरकार की ओर से अज्ञात व्यक्ति के शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए निधि भेजी जाती है. उसी के तहत सामाजिक संस्था द्वारा अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया है.

Last Updated : Apr 16, 2021, 8:50 PM IST

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