मथुराः यमुना के ध्रुव घाट के पास बना भगवान शिव का मंदिर काफी पुराना है. 30 सालों से यहां प्रतिदिन एक महिला पुजारी पूजा-अर्चना के लिए आती हैं. मंदिर की खासियत ये है कि इस दौरान उनके साथ पूजा-अर्चना के लिए इंसान नहीं बल्कि इलाके के कई कुत्ते होते हैं. महिला पुजारी जैसे ही मंदिर के घंटों के साथ महादेव की आराधना करती हैं. ठीक उसी समय ये कुत्ते भी हु हु हु की आवाज के साथ शिवभक्ति में लीन हो जाते हैं. उनकी शिवभक्ति तबतक चलती है, जबतक मंदिरों के घंटों की आवाज खामोश नहीं हो जाती.
प्राचीन मंदिर में अनोखे पुजारी
यमुना नदी के किनारे ध्रुव घाट पर बने प्राचीन शिव मंदिर का निर्माण समाजसेवी स्वर्गीय हरिदास अग्रवाल की पुत्र वधु ने कराया था. मंदिर में कोई भी श्रद्धालु पूजा करने के लिए नहीं पहुंचता लेकिन सुबह और शाम आरती के समय आसपास के कुत्ते एकजुट होकर भोलेनाथ की पूजा करने के लिए जरूर पहुंचते हैं. ये परंपरा पिछले 30 सालों से चली आ रही है.
पुजारी के साथ कुत्ते भी कर आते हैं पूजा
स्थानीय निवासी सुरेश चंद ने बताया इस मंदिर में सुबह 8:00 बजे और शाम को 6:30 बजे पंडितानी पहुंचती हैं. जैसे ही उनकी पूजा शुरू होती है, घंटों की आवाज सुनते ही आसपास के कुत्ते भी मंदिर परिसर में पहुंच जाते हैं. पिछले कई सालों से ऐसी परंपरा चली आ रही है.
महिला पुजारी शीला देवी मिश्रा बताती हैं कि पिछले 30 सालों से वो मंदिर में पूजा के लिए आती हैं. जैसे ही वह मंदिर में घंटा बजाती हैं, वैसे ही कई कुत्ते वहां आकर हु हु हु की आवाज निकालने लगते हैं. वह बताती हैं कि इस मंदिर में ज्यादा लोग तो नहीं आते लेकिन ये जानवर यहां नियमित रूप से आते हैं.