ETV Bharat / state

Shri Krishna Janmabhoomi Idgah: श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण पर अब इस दिन होगी सुनवाई

author img

By

Published : Mar 23, 2023, 8:12 PM IST

श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण के मद्देनजर वादी आशुतोष पाण्डेय की याचिका पर फैसला आने वाला था. लेकिन व्यस्तता के चलते फैसला 31 मार्च को सुनाया जाएगा.

Shri Krishna Janmabhoomi Idgah
Shri Krishna Janmabhoomi Idgah

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में वाद संख्या 12/23 ओर 152/22 की याचिका को लेकर सुनवाई हुई थी. वादी आशुतोष पाण्डेय की याचिका को लेकर गुरुवार को अहम फैसला आने वाला था. लेकिन व्यस्तता के चलते फैसला 31 मार्च को सुनाया जाएगा और मनीष यादव की याचिका 152 पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी.

संगठन की क्या थी मांग
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण संगठन के अध्यक्ष आशुतोष पाण्डेय ने जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की थी की मंदिर परिसर में बनी हुई अवैध शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर भव्य श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का निर्माण किया जाए. मंदिर के स्थान पर एक बड़ा कलंक तानाशाह मुगल शासक ने अवैध निर्माण किया था.

वाद संख्या 152/22 पर हुई थी बहस
भगवान श्री कृष्ण के पूर्वज बताते हुए मनीष यादव ने पिछले वर्ष सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में याचिका दाखिल की उस याचिका पर भी आज सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष द्वारा न्यायालय में करीब 1 घंटा 30 मिनट तक अपनी दलीलें पेश की गई और कहां बाहरी लोग यहां आकर न्यायालय में याचिका दाखिल कर रहे हैं और माहौल खराब करना चाहते हैं. इसलिए पहले यह तो तय हो जाए कि उनकी याचिका न्यायालय में सुनने लायक है या नहीं. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद मनीष यादव की याचिका पर 17 अप्रैल को अगली सुनवाई तय की है.

मुस्लिम पक्ष का कहना
मनीष यादव की याचिका पर न्यायालय में दलील पेश करते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर की भूमि 13.37 एकड़ में बनी हुई है. शाही ईदगाह मस्जिद इस भूमि से अलग है. हम न्यायालय में दस्तावेज समय आने पर पेश करेंगे. लेकिन मनीष यादव के पास कोई भी दस्तावेज ऐसा नहीं है कि भगवान श्रीकृष्ण उनके पूर्वज है. स्थानीय निवासी भी नहीं है. मंदिर परिसर के पदाधिकारी और संस्था में कोई सदस्य भी नहीं है.

मौजूदा स्थिति अभिलेखों में दर्ज
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए, 1968 मे श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था.त उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड का आरोप
न्यायालय में पिछली तारीखों पर दलील पेश करते हुए सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता जेपी निगम ने वादी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नियम को फॉलो नहीं किया गया. लोअर कोर्ट ने प्रार्थना पत्र खारिज किया नहीं. उससे पहले वादी अपर कोर्ट में रिवीजन दाखिल कर दिया गया. हम चाहते हैं कि पहले सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई होनी चाहिए की श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण का मामला चलने लायक है या नहीं. विवादित स्थान का सर्वे कराने का कोई औचित्य नहीं है. वादी कोर्ट का समय फिजूल में बर्बाद कर रहा है.

बादी आशुतोष पाण्डेय ने बताया आज श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में अहम फैसला आने वाला था. लेकिन व्यस्त कार्य के चलते न्यायालय अपना फैसला 31 मार्च को सुनाएगा, जो भी फैसला आएगा हमें मान्य होगा. नीरज शर्मा अधिवक्ता ने बताया आज सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी. आशुतोष पाण्डेय की याचिका पर 31 मार्च को फैसला आएगा. दूसरा याचिका मनीष यादव की पर सुनवाई हुई थी. हम न्यायालय में पिछले कई बार से अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं. बाहरी लोग आकर यहां पर माहौल खराब करना चाहते हैं. 1670 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण हुआ था. उसके बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को भव्य रूप दिया गया. मंदिर परिसर से अलग बनी हुई है. शाही ईदगाह मस्जिद समय आने पर दस्तावेजों के साथ अपनी बात हम कोर्ट में रखेंगे. अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।

यह भी पढ़ें- IIT KANPUR: क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में विश्व स्तर पर आईआईटी को मिला 85 वां स्थान

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में वाद संख्या 12/23 ओर 152/22 की याचिका को लेकर सुनवाई हुई थी. वादी आशुतोष पाण्डेय की याचिका को लेकर गुरुवार को अहम फैसला आने वाला था. लेकिन व्यस्तता के चलते फैसला 31 मार्च को सुनाया जाएगा और मनीष यादव की याचिका 152 पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी.

संगठन की क्या थी मांग
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण संगठन के अध्यक्ष आशुतोष पाण्डेय ने जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए मांग की थी की मंदिर परिसर में बनी हुई अवैध शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर भव्य श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का निर्माण किया जाए. मंदिर के स्थान पर एक बड़ा कलंक तानाशाह मुगल शासक ने अवैध निर्माण किया था.

वाद संख्या 152/22 पर हुई थी बहस
भगवान श्री कृष्ण के पूर्वज बताते हुए मनीष यादव ने पिछले वर्ष सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में याचिका दाखिल की उस याचिका पर भी आज सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष द्वारा न्यायालय में करीब 1 घंटा 30 मिनट तक अपनी दलीलें पेश की गई और कहां बाहरी लोग यहां आकर न्यायालय में याचिका दाखिल कर रहे हैं और माहौल खराब करना चाहते हैं. इसलिए पहले यह तो तय हो जाए कि उनकी याचिका न्यायालय में सुनने लायक है या नहीं. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद मनीष यादव की याचिका पर 17 अप्रैल को अगली सुनवाई तय की है.

मुस्लिम पक्ष का कहना
मनीष यादव की याचिका पर न्यायालय में दलील पेश करते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर की भूमि 13.37 एकड़ में बनी हुई है. शाही ईदगाह मस्जिद इस भूमि से अलग है. हम न्यायालय में दस्तावेज समय आने पर पेश करेंगे. लेकिन मनीष यादव के पास कोई भी दस्तावेज ऐसा नहीं है कि भगवान श्रीकृष्ण उनके पूर्वज है. स्थानीय निवासी भी नहीं है. मंदिर परिसर के पदाधिकारी और संस्था में कोई सदस्य भी नहीं है.

मौजूदा स्थिति अभिलेखों में दर्ज
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए, 1968 मे श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था.त उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड का आरोप
न्यायालय में पिछली तारीखों पर दलील पेश करते हुए सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता जेपी निगम ने वादी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नियम को फॉलो नहीं किया गया. लोअर कोर्ट ने प्रार्थना पत्र खारिज किया नहीं. उससे पहले वादी अपर कोर्ट में रिवीजन दाखिल कर दिया गया. हम चाहते हैं कि पहले सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई होनी चाहिए की श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण का मामला चलने लायक है या नहीं. विवादित स्थान का सर्वे कराने का कोई औचित्य नहीं है. वादी कोर्ट का समय फिजूल में बर्बाद कर रहा है.

बादी आशुतोष पाण्डेय ने बताया आज श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में अहम फैसला आने वाला था. लेकिन व्यस्त कार्य के चलते न्यायालय अपना फैसला 31 मार्च को सुनाएगा, जो भी फैसला आएगा हमें मान्य होगा. नीरज शर्मा अधिवक्ता ने बताया आज सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी. आशुतोष पाण्डेय की याचिका पर 31 मार्च को फैसला आएगा. दूसरा याचिका मनीष यादव की पर सुनवाई हुई थी. हम न्यायालय में पिछले कई बार से अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं. बाहरी लोग आकर यहां पर माहौल खराब करना चाहते हैं. 1670 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण हुआ था. उसके बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को भव्य रूप दिया गया. मंदिर परिसर से अलग बनी हुई है. शाही ईदगाह मस्जिद समय आने पर दस्तावेजों के साथ अपनी बात हम कोर्ट में रखेंगे. अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।

यह भी पढ़ें- IIT KANPUR: क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में विश्व स्तर पर आईआईटी को मिला 85 वां स्थान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.