मथुरा: जनपद के अपर जिला न्यायाधीश तृतीय ने बुधवार को एसओजी में तैनात सिपाही रोहित कुमार को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया. 21 मार्च 2019 को बाइक सवार रजत अपने दोस्तों के साथ वृंदावन जा रहा था तभी रास्ते में सिपाही रोहित से मामूली विवाद को लेकर झगड़ा हो गया था. रोहित ने सरकारी पिस्टल से उसे गोली मार दी थी. उपचार के दौरान रजत की मौत हो गई थी.
बुधवार को अपर जिला न्यायाधीश तृतीय संतोष कुमार की कोर्ट ने सिपाही रोहित को धारा 302 में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी सिपाही पर पचास हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया. दरअसल, बता दें कि 21 मार्च 2019 को कृष्णापुरम कॉलोनी गोविंद नगर के रहने वाले राम शर्मा अपने पुत्र अरुण शर्मा और रजत शर्मा के साथ होली खेलने के लिए वृंदावन जा रहे थे, मथुरा वृंदावन रोड पर सिपाही रोहित का किसी बात को लेकर बाइक सवारों से झगड़ा हो गया. सिपाही ने गुस्से में आकर अपनी सरकारी पिस्टल से रजत को गोली मार दी. घायल रजत की इलाज के दौरान मौत हो गई और मृतक के परिजनों द्वारा सिपाही रोहित के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज किया गया था.
आरोपी सिपाही रोहित कुमार जसवंत नगर इटावा का रहने वाला है. पूर्व में मथुरा एसओजी की टीम में सिपाही के पद पर तैनात था, उसके बाद गौतम बुद्ध नगर स्थानांतरण कर दिया गया था. मुकदमा हत्या का दर्ज होने के बाद आरोपी सिपाही की गिरफ्तारी की गई. आज आरोपी सिपाही के खिलाफ न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा आर्थिक दंड भी लगाया गया.
एडीजीसी भीष्म दत्त सिंह तोमर ने बताया कि बुधवार को अदालत ने आरोपी सिपाही रोहित कुमार को दोषी सिद्ध करार करते हुए हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और पचास हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया. बताया गया कि आरोपी मथुरा एसओजी टीम में भी सिपाही के पद पर तैनात था.
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