मथुरा: राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम ने राजकीय बाल शिशु सदन पहुंचकर निरीक्षण किया. इस दौरान सदन में भारी लापरवाही और अनियमितताएं पायी गईं. बच्चों के लिए आ रहा पैसा और सामग्री संबंधित अधिकारी और कर्मचारी डकार रहे हैं. बच्चों को किसी प्रकार की कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है.
हर साल दिए जाते हैं 24 लाख रुपये
- राजकीय बाल संरक्षण गृह को हर साल करीब 24 लाख रुपये दिए जाते हैं.
- शिशु सदन में करीब 50 बच्चे हैं. प्रत्येक बच्चे पर हर महीने 4 हजार रुपये खर्च के लिए होते हैं.
- निरीक्षण के दौरान भारी लापरवाही और अनियमितताएं सामने आई हैं.
- दवाइयां, पाउडर, कपड़े-जूते और अन्य सामान भारी मात्रा में स्टॉक में रखा हैं.
- कर्मचारी बच्चों को प्रयोग के लिए नहीं देते हैं.
- बच्चों को एक्सपायरी डेट के पाउडर लगाए जा रहे हैं.
- मेन्यू के हिसाब से खाना भी नहीं दिया जाता है.
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निरीक्षण के दौरान काफी अनियमितताएं मिली हैं. जिनकी जांच की जा रही है. पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रेषित की जाएगी.
-विशेष गुप्ता, अध्यक्ष, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग