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भैया दूजः विश्व का एक मात्र मंदिर जहां यमुना स्नान के बाद आशीर्वाद लेते हैं भाई-बहन - यम दुतिया स्नान

मथुरा में दुनिया का एकमात्र मंदिर है, जहां यम दुतिया पर भाई-बहन एक साथ स्नान करते हैं और फिर आशीर्वाद लेते हैं. यह मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित है.

भैया दूज
भैया दूज
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Published : Nov 6, 2021, 10:46 AM IST

Updated : Nov 6, 2021, 12:03 PM IST

मथुरा: भाई-बहन का पर्व भैया दूज बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. कान्हा की नगरी में भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करके भैया दूज मना रहे हैं. यमुना जी में स्नान करके यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. दूरदराज से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करके मंदिर में दान-पुण्य कर रहे हैं. इसे यम द्वितीया स्नान भी कहा जाता है.

भैया दूज का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. शहर के विश्राम घाट पर स्थित विश्व का एकमात्र मंदिर भाई यमराज बहन यमुना जी का बना हुआ है. भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करने के बाद इस मंदिर में दान-पुण्य करते हैं.

यम द्वितीया स्नान

यम द्वितीया स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. यमुना नदी के किनारे बैरिकेडिंग और गोताखोर लगाए गए हैं. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने खोया पाया केंद्र भी लगाया है. सभी श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यमुना नदी में स्नान करने के निर्देश दिए गए हैं.

यमुना नदी के विश्राम घाट पर स्नान करने से भाई-बहन को यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. भैया दूज को यम दुतिया स्नान भी कहा जाता है. दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर स्नान करते हैं और भाई-बहन यमुना जी और धर्मराज के मंदिर में जाकर दान-पुण्य किया जाता हैं.

यम दुतिया स्नान
भाई-बहन धर्मराज-यमुनाजी मंदिर.

पौराणिक मान्यता

हजारों वर्ष पूर्व सूर्यपुत्र यमराज सूर्यपुत्री यमुना मैया ने भाई यमराज को घर बुलाया था. बहन ने भाई की खूब खातिरदारी की. बहन की खातिरदारी से भाई यमराज प्रसन्न हो गए और कोई एक वरदान मांगने को कहा. बहन यमुना जी ने भाई से कहा कि मेरे पास तो सब कुछ है. कृष्ण की पटरानी हूं, मेरे स्वामी संसार को सब कुछ देने वाले हैं, कोई भला मुझे क्या कुछ दे सकता है. भाई यमराज ने अपनी बहन से कुछ भी मांगने को कहा तो बहन ने पूछा कि आप के प्रकोप से लोगों को मुक्ति कैसे मिलेगी.

यम दुतिया स्नान
यम दुतिया स्नान

यमराज ने कहा कि शुक्ल पक्ष के दूज के दिन जो भी भाई-बहन विश्राम घाट पर आकर स्नान करेंगे, उसे मेरे प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी और सीधा बैकुंठ में वास करेंगे. यमराज और यमुना जी ने विश्राम घाट पर एक साथ स्नान किया. प्राचीन काल का मंदिर आज भी स्थापित है.

श्रद्धालु गुंजन राठी ने बताया कि यम दुतिया के पर्व पर अपने तीन भाइयों के साथ यमुना नदी में स्नान किया है. कई वर्षों से मनोकामना मांगी थी. आज स्नान करके जीवन सफल हो गया. सुरेंद्र ने बताया कि अपनी पांच बहनों के साथ यमुना नदी में स्नान किया है. कई सालों से सोच रहे थे, लेकिन आज स्नान किया और मंदिर में दर्शन भी करेंगे.

अंतिमा ने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है. मथुरा में यम दुतिया के पर्व पर यमुना नदी में भाइयों के साथ डुबकी लगाई है. सूर्य की पहली किरण के साथ यहां स्नान किया. विष्णु साहू ने बताया कि हम मध्य प्रदेश से आए हैं. हमने बहन के साथ यमुना नदी में यम दुतिया के पर्व पर स्नान किया. बहुत अच्छा लग रहा है. पिछले 10 वर्षों से सोच रहे थे कि अपनी बहन के साथ स्नान करेंगे, लेकिन आज सौभाग्य प्राप्त हुआ.

यह भी पढ़ें: जमघट त्यौहार पर आसमान में छाईं सियासी पतंगें, 'अखिलेश' पतंग ने खूब काटे पेंच

पुरुषोत्तम पाठक सेवायत ने बताया कि यम दुतिया पर यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने से यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. विश्राम घाट पर धर्मराज और बहन यमुना मैया का एक प्राचीन मंदिर है. इसमें श्रद्धालु दान-पुण्य करने के साथ पूजा-अर्चना भी करते हैं. बहुत पुरानी मान्यता चली आ रही है.

मथुरा: भाई-बहन का पर्व भैया दूज बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. कान्हा की नगरी में भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करके भैया दूज मना रहे हैं. यमुना जी में स्नान करके यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. दूरदराज से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करके मंदिर में दान-पुण्य कर रहे हैं. इसे यम द्वितीया स्नान भी कहा जाता है.

भैया दूज का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. शहर के विश्राम घाट पर स्थित विश्व का एकमात्र मंदिर भाई यमराज बहन यमुना जी का बना हुआ है. भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करने के बाद इस मंदिर में दान-पुण्य करते हैं.

यम द्वितीया स्नान

यम द्वितीया स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. यमुना नदी के किनारे बैरिकेडिंग और गोताखोर लगाए गए हैं. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने खोया पाया केंद्र भी लगाया है. सभी श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यमुना नदी में स्नान करने के निर्देश दिए गए हैं.

यमुना नदी के विश्राम घाट पर स्नान करने से भाई-बहन को यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. भैया दूज को यम दुतिया स्नान भी कहा जाता है. दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर स्नान करते हैं और भाई-बहन यमुना जी और धर्मराज के मंदिर में जाकर दान-पुण्य किया जाता हैं.

यम दुतिया स्नान
भाई-बहन धर्मराज-यमुनाजी मंदिर.

पौराणिक मान्यता

हजारों वर्ष पूर्व सूर्यपुत्र यमराज सूर्यपुत्री यमुना मैया ने भाई यमराज को घर बुलाया था. बहन ने भाई की खूब खातिरदारी की. बहन की खातिरदारी से भाई यमराज प्रसन्न हो गए और कोई एक वरदान मांगने को कहा. बहन यमुना जी ने भाई से कहा कि मेरे पास तो सब कुछ है. कृष्ण की पटरानी हूं, मेरे स्वामी संसार को सब कुछ देने वाले हैं, कोई भला मुझे क्या कुछ दे सकता है. भाई यमराज ने अपनी बहन से कुछ भी मांगने को कहा तो बहन ने पूछा कि आप के प्रकोप से लोगों को मुक्ति कैसे मिलेगी.

यम दुतिया स्नान
यम दुतिया स्नान

यमराज ने कहा कि शुक्ल पक्ष के दूज के दिन जो भी भाई-बहन विश्राम घाट पर आकर स्नान करेंगे, उसे मेरे प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी और सीधा बैकुंठ में वास करेंगे. यमराज और यमुना जी ने विश्राम घाट पर एक साथ स्नान किया. प्राचीन काल का मंदिर आज भी स्थापित है.

श्रद्धालु गुंजन राठी ने बताया कि यम दुतिया के पर्व पर अपने तीन भाइयों के साथ यमुना नदी में स्नान किया है. कई वर्षों से मनोकामना मांगी थी. आज स्नान करके जीवन सफल हो गया. सुरेंद्र ने बताया कि अपनी पांच बहनों के साथ यमुना नदी में स्नान किया है. कई सालों से सोच रहे थे, लेकिन आज स्नान किया और मंदिर में दर्शन भी करेंगे.

अंतिमा ने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है. मथुरा में यम दुतिया के पर्व पर यमुना नदी में भाइयों के साथ डुबकी लगाई है. सूर्य की पहली किरण के साथ यहां स्नान किया. विष्णु साहू ने बताया कि हम मध्य प्रदेश से आए हैं. हमने बहन के साथ यमुना नदी में यम दुतिया के पर्व पर स्नान किया. बहुत अच्छा लग रहा है. पिछले 10 वर्षों से सोच रहे थे कि अपनी बहन के साथ स्नान करेंगे, लेकिन आज सौभाग्य प्राप्त हुआ.

यह भी पढ़ें: जमघट त्यौहार पर आसमान में छाईं सियासी पतंगें, 'अखिलेश' पतंग ने खूब काटे पेंच

पुरुषोत्तम पाठक सेवायत ने बताया कि यम दुतिया पर यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने से यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. विश्राम घाट पर धर्मराज और बहन यमुना मैया का एक प्राचीन मंदिर है. इसमें श्रद्धालु दान-पुण्य करने के साथ पूजा-अर्चना भी करते हैं. बहुत पुरानी मान्यता चली आ रही है.

Last Updated : Nov 6, 2021, 12:03 PM IST
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