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मथुरा: बारिश के मौसम में पशुओं को हो सकती है कई खतरनाक बीमारियां - पशुओं में गलाघोटू बीमारी

बारिश के मौसम में पशुओं को खुले में चारा खाना भारी पड़ सकता है. बारिश बंद होने के बाद पशुओं को खुले में चारा खाने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए. दरअसल इस दौरान पशुओं में गलाघोंटू नामक बीमारी तेजी से फैलती है.

बारिश के मौसम में पशुओं को हो सकती है कई खतरनाक बीमारीया
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Published : Aug 1, 2019, 3:44 PM IST

मथुरा: जानलेवा पशुओं में होने वाली गलाघोटू बीमारी एक पशु से दूसरे पशु में फैल जाती है. बारिश के समय पशुओं में गलाघोटू नामक बीमारी तेजी से फैलती है. जिसके कारण पशुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है. इस दौरान पशुओं को बुखार भी आता है. कभी कभी इस बीमारी की वजह से पशुओं की जान भी चली जाती है.

बारिश के मौसम में पशुओं को हो सकती है कई खतरनाक बीमारियां.

बारिश के मौसम में पशुओं को जानलेवा बीमारी का खतरा-

  • गलाघोटू बीमारी बरसात में बारिश बंद होने के बाद उत्पन्न हुई उमस के कारण फैलती है.
  • इस बीमारी में पशुओं के गले के अंदर सूजन आ जाती है.
  • उसके साथ ही पशुओं को बुखार भी आ जाता है.
  • बीमारी की वजह से पशु को सांस लेने में काफी समस्या होती है.
  • गला घोटू बीमारी की वजह से कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है.
  • यह बीमारी गाय, भेड़, बकरी, सूअर आदि में फैल जाती है.

बारिश के बाद हुई उत्पन्न उमस में पशुओं में गला घोटू नामक बीमारी फैल जाती है .जो पशुओं के लिए जानलेवा साबित होती है. इससे बचाव के लिए बारिश के मौसम में बारिश के बाद उत्पन्न हुई उमस में तुरंत ही पशुओं को बाहर चारा खाने के लिए ना छोड़ें. साथ ही पशु विभाग द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत पशुओं को टीकाकरण कराएं इससे परहेज न करें.
- भूदेव सिंह,पशु चिकित्सा अधिकारी मथुरा

मथुरा: जानलेवा पशुओं में होने वाली गलाघोटू बीमारी एक पशु से दूसरे पशु में फैल जाती है. बारिश के समय पशुओं में गलाघोटू नामक बीमारी तेजी से फैलती है. जिसके कारण पशुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है. इस दौरान पशुओं को बुखार भी आता है. कभी कभी इस बीमारी की वजह से पशुओं की जान भी चली जाती है.

बारिश के मौसम में पशुओं को हो सकती है कई खतरनाक बीमारियां.

बारिश के मौसम में पशुओं को जानलेवा बीमारी का खतरा-

  • गलाघोटू बीमारी बरसात में बारिश बंद होने के बाद उत्पन्न हुई उमस के कारण फैलती है.
  • इस बीमारी में पशुओं के गले के अंदर सूजन आ जाती है.
  • उसके साथ ही पशुओं को बुखार भी आ जाता है.
  • बीमारी की वजह से पशु को सांस लेने में काफी समस्या होती है.
  • गला घोटू बीमारी की वजह से कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है.
  • यह बीमारी गाय, भेड़, बकरी, सूअर आदि में फैल जाती है.

बारिश के बाद हुई उत्पन्न उमस में पशुओं में गला घोटू नामक बीमारी फैल जाती है .जो पशुओं के लिए जानलेवा साबित होती है. इससे बचाव के लिए बारिश के मौसम में बारिश के बाद उत्पन्न हुई उमस में तुरंत ही पशुओं को बाहर चारा खाने के लिए ना छोड़ें. साथ ही पशु विभाग द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत पशुओं को टीकाकरण कराएं इससे परहेज न करें.
- भूदेव सिंह,पशु चिकित्सा अधिकारी मथुरा

Intro:बारिश के मौसम में पशु में फैल सकती है यह खतरनाक बीमारी. बारिश के मौसम में पशुओं को खुले में चारा खाना भारी पड़ सकता है .बारिश बंद होने के तुरंत बाद पशुओं को खुले में चारा खाने के लिए ना छोड़े बारिश के समय पशुओं में गलाघोटू नामक बीमारी तेजी से फैलती है. यह जानलेवा बीमारी पशुओं में एक दूसरे से भी फैल जाती है .जिसके कारण पशुओं को सांस लेने में भी दिक्कत होती है, साथ ही पशुओं को बुखार भी आता है, कभी कभी इसके चलते पशुओं की जान भी चली जाती है.


Body:गला घोटू बीमारी बारिश के मौसम में बारिश बंद होने के बाद उत्पन्न हुई उमस के कारण फैलती है. इस बीमारी में पशुओं के गले के अंदर सूजन आ जाती है और उसके साथ ही पशुओं को बुखार भी आ जाता है. जिसके कारण पशु को सांस लेने में काफी समस्या होती है जिसके चलते कभी-कभी पशुओं की मौत भी हो जाती है. यह बीमारी बारिश के मौसम में बारिश बंद होने के बाद उत्पन्न हुई उमस में फैलती है. यह बीमारी गाय , भेड़ ,बकरी ,सूअर आदि में फैल जाती है. वही मथुरा में पशु अधिकारी भूदेव सिंह ने बताया कि पशु विभाग द्वारा इस बीमारी से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाता है. जिससे पशुपालक परहेज ना करें ,विश्वास कर टीकाकरण कराएं, जिससे कि पशुओं की इस जानलेवा बीमारी से सुरक्षा की जा सके.


Conclusion:बारिश के मौसम में बारिश बंद होने के बाद तुरंत खुले में पशुओं को चारा खाने के लिए ना छोड़े. बारिश के बाद हुई उत्पन्न उमस मैं पशु को मैं गला घोटू नामक बीमारी फैल जाती है .जो पशुओं के लिए जानलेवा साबित होती है. इससे बचाव के लिए बारिश के मौसम में बारिश के बाद उत्पन्न हुई उमस में तुरंत ही पशुओं को बाहर चारा खाने के लिए ना छोड़ें .साथ ही पशु विभाग द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत पशुओं को टीकाकरण कराएं इससे परहेज न करें.
बाइट- पशु चिकित्सा अधिकारी मथुरा भूदेव सिंह
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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