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मथुरा: कोरोना के फर्जी सैंपल मामले में प्रशासन ने की कार्रवाई

यूपी के मथुरा में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर द्वारा कोरोना के फर्जी सैंपल एकत्रित कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद मथुरा प्रशासन ने दोषी चिकित्सक और संविदा कर्मियों पर कार्रवाई की है.

corona fake sample case
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Published : Sep 22, 2020, 4:57 PM IST

मथुरा: जिले के बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्वर्गीय डोरी लाल अग्रवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर द्वारा कोरोना के फर्जी सैंपल कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद मथुरा प्रशासन ने दोषी चिकित्सक और संविदा कर्मियों पर कार्रवाई की है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित की गई टीम ने जांच करने के बाद यह पाया कि फर्जी तरह से कोरोना की सैंपलिंग कराई गई थी. जिसमें कुछ चिकित्सक और कुछ संविदा स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे, जिन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है.

आपको बता दें कि स्वर्गीय डोरी लाल अग्रवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर राजकुमार सारस्वत का कोरोना के फर्जी सैंपल लिए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में डॉक्टर राजकुमार सारस्वत कम्पाउंडर से कह रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के सैंपल कराए जाएं. इन सैंपल पर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम की चिट लगा दी जाएगी और सीएमओ कार्यालय में रिपोर्ट की जाएगी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के सैंपल कराए गए हैं.

शिकायतकर्ता डॉक्टर अमित कुमार ने बताया था कि बलदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के फर्जी सैंपलिंग कराने की शिकायत सीएमओ कार्यालय में दी गई थी. बलदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर द्वारा फर्जी होम आइसोलेशन के पर्चे भी बनाए जा रहे हैं. खुद डॉक्टर राजकुमार सारस्वत कार्यालय में बैठकर एक नहीं बल्कि पूरे 15 कोरोना के फर्जी सेंपलिंग करा रहे हैं. अधिकारियों का प्रेशर है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की सैंपलिंग कराई जाए, क्योंकि संविदा कर्मचारी को रिपोर्ट तैयार होगी. वहीं जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा इस मामले को लेकर एक जांच टीम गठित की थी. इसमें डॉक्टर और संविदा कर्मियों को दोषी पाया गया, जिसके चलते दोषी डॉक्टर और संविदा कर्मियों पर कार्रवाई की गई है.

फर्जी सैंपलिंग मामले में दोषी पाए गए डॉक्टर और संविदा कर्मियों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मथुरा सर्वज्ञ राम मिश्र ने बताया कि एक मामला संज्ञान में आया था, जिसमें दस-बारह सैंपल फर्जी तरीके से लिए गए थे. इस संदर्भ में सीएमओ ने समिति गठित कर जांच कराई. जनपद स्तर पर यह पाया गया कि कथित लोग भी उसमें शामिल थे. इसकी आख्या भी उच्च स्तर पर भेजी गई है. इस मामले में कुछ संविदा के थे और कुछ चिकित्सक थे. अभी फिलहाल उन लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया है. जो जांच आख्या कमेटी के द्वारा दी गई है, उसको आगे भेज दिया गया है.

मथुरा: जिले के बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्वर्गीय डोरी लाल अग्रवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर द्वारा कोरोना के फर्जी सैंपल कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद मथुरा प्रशासन ने दोषी चिकित्सक और संविदा कर्मियों पर कार्रवाई की है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित की गई टीम ने जांच करने के बाद यह पाया कि फर्जी तरह से कोरोना की सैंपलिंग कराई गई थी. जिसमें कुछ चिकित्सक और कुछ संविदा स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे, जिन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है.

आपको बता दें कि स्वर्गीय डोरी लाल अग्रवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर राजकुमार सारस्वत का कोरोना के फर्जी सैंपल लिए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में डॉक्टर राजकुमार सारस्वत कम्पाउंडर से कह रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के सैंपल कराए जाएं. इन सैंपल पर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम की चिट लगा दी जाएगी और सीएमओ कार्यालय में रिपोर्ट की जाएगी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के सैंपल कराए गए हैं.

शिकायतकर्ता डॉक्टर अमित कुमार ने बताया था कि बलदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के फर्जी सैंपलिंग कराने की शिकायत सीएमओ कार्यालय में दी गई थी. बलदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर द्वारा फर्जी होम आइसोलेशन के पर्चे भी बनाए जा रहे हैं. खुद डॉक्टर राजकुमार सारस्वत कार्यालय में बैठकर एक नहीं बल्कि पूरे 15 कोरोना के फर्जी सेंपलिंग करा रहे हैं. अधिकारियों का प्रेशर है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की सैंपलिंग कराई जाए, क्योंकि संविदा कर्मचारी को रिपोर्ट तैयार होगी. वहीं जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा इस मामले को लेकर एक जांच टीम गठित की थी. इसमें डॉक्टर और संविदा कर्मियों को दोषी पाया गया, जिसके चलते दोषी डॉक्टर और संविदा कर्मियों पर कार्रवाई की गई है.

फर्जी सैंपलिंग मामले में दोषी पाए गए डॉक्टर और संविदा कर्मियों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मथुरा सर्वज्ञ राम मिश्र ने बताया कि एक मामला संज्ञान में आया था, जिसमें दस-बारह सैंपल फर्जी तरीके से लिए गए थे. इस संदर्भ में सीएमओ ने समिति गठित कर जांच कराई. जनपद स्तर पर यह पाया गया कि कथित लोग भी उसमें शामिल थे. इसकी आख्या भी उच्च स्तर पर भेजी गई है. इस मामले में कुछ संविदा के थे और कुछ चिकित्सक थे. अभी फिलहाल उन लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया है. जो जांच आख्या कमेटी के द्वारा दी गई है, उसको आगे भेज दिया गया है.

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