मैनपुरी: अरुणाचल प्रदेश में उग्रवादी हमले के दौरान शहीद हुए मैनपुरी के नायब सूबेदार वीरेंद्र सिंह यादव का पार्थिव शरीर आज यानी मंगलवार शाम तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है. रविवार को शहीद की खबर लगते ही पूरा गांव शोक में डूब गया. शहीद के परिवार को सांत्वना देने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों का तांता लग गया.
यूपी के मैनपुरी जिले में मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूरी पर गांव नानामऊ (हालांकि यह गांव मैनपुरी कुरावली मार्ग पर बसा है) की आबादी 3000 है. इस गांव में लगभग 15 से अधिक लोग सेना में हैं. इस गांव का एक ऐसा परिवार है, जिसमें एक ही परिवार में 8 लोग सेना में अपनी सेवा दे चुके हैं और कुछ दे रहे हैं.
ऐसे ही परिवार में वीर सपूत वीरेंद्र सिंह यादव ने जन्म लिया नाम था. हालांकि वीरेंद्र सिंह यादव बाल्यावस्था से ही सरल स्वभाव के थे. आदर भाव उनके रग-रग में विराजमान था. इसी दौरान कुदरत को कुछ और मंजूर था. बाल्यावस्था में ही पिता का साया सिर से उठ गया और माता की मौत हो गई. सभी दायित्वों की पूर्ति उनके ताऊ ने की. ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने गांव में ही पूरी की. देवनागरी इंटर कॉलेज में वीरेंद्र सिंह ने इंटर तक की शिक्षा ग्रहण की. इसके बाद परिवार के जो लोग सेना में सर्विस कर रहे थे, उनके पास अपनी आजमाइश के लिए मिजोरम चले गए.
वहीं से इनको 1985 के दौरान असम राइफल यूनिट में राइफल मैन पद पर तैनाती मिली और यह लगातार 35 साल तक सर्विस दे चुके थे. अभी हाल में ही गांव से छुट्टी समाप्त करके ड्यूटी पर गए थे.
रविवार की सुबह वीरेंद्र ने अपनी पत्नी मुकेश से बातचीत में कहा था कि उनकी ड्यूटी पानी के टैंकर पर लगी हुई है. उस पर जा रहा हूं और फोन काट दिया. उसके कुछ ही देर बाद यूनिट से फोन आया कि आपके पति उग्रवादी हमले में शहीद हो गए हैं. इतना सुनते ही पत्नी और बेटा चिल्लाने लगे. चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण इकट्ठे हो गए.
जानकारी के अनुसार, शहीद का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद असम राइफल के हेड क्वार्टर में लाया गया है. वहां शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद उनका पार्थिव शरीर मंगलवार 11 बजे तक दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचेगा. एयरपोर्ट से रोड से एंबुलेंस के द्वारा शहीद के पैतृक गांव नानामऊ मंगलवार देर रात तक पहुंचने की संभावना है. शहीद अपने पीछे पत्नी और तीन बेटे छोड़ गए हैं. शहीद का बड़ा बेटा बबलू एनडीआरएफ में तैनात है. दूसरा बेटा किसानी करता है, जबकि तीसरा बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है.