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काम की खबर: यहां 65 हजार परिवारों के बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड, इनको मिलेगा लाभ

मैनपुरी श्रम विभाग में पंजीकृत एक लाख 10 हजार में से शेष 65 हजार लाभार्थियों का भी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए 26 से 9 अगस्त तक गांव-गांव कैंप लगाकर लाभार्थी परिवारों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे.

मैनपुरी में 65 हजार परिवारों के बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड.
मैनपुरी में 65 हजार परिवारों के बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड.
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Published : Jul 25, 2021, 8:31 PM IST

मैनपुरीः जिले में 26 जुलाई से 9 अगस्त के मध्य फिर से श्रमिकों के प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत आयुष्मान गोल्डन कार्ड (ayushman golden card) बनाए जाएंगे. जिले में नि:शुल्क इलाज की सुविधा देने के लिहाज से एक लाख दस हजार परिवारों को गोल्डन कार्ड मुहैया कराकर लाभ देने की योजना थी, जिसके सापेक्ष 45280 परिवारों के आयुष्मान कार्ड पहले ही बन चुके हैं. शेष 65 हजार परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनने अभी बाकी हैं. लिहाजा, फिर से प्रक्रिया को अमल में लाकर वंचित परिवारों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा. इसी प्रकार सात हजार श्रमिकों के भी गोल्डन कार्ड जारी किए जाएंगे .

जिलाधिकारी मैनपुरी महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) के तहत गोल्डन कार्ड (Golden Card) बनवाने का विशेष अभियान 26 जुलाई से पुनः शुरू किया जा रहा है. यह अभियान 9 अगस्त तक चलेगा. इसके तहत बाकायदा प्रत्येक गांव में शिविर लगाया जाएगा. इसमें गांव के उन लाभार्थी परिवारों के निशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे, जिन परिवारों का अभी तक एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है. लाभार्थी परिवार के कम से कम एक सदस्य का गोल्डन कार्ड बनना जरूरी है. डीएम के मुताबिक, जनपद में एक लाख परिवारों के सापेक्ष 45280 परिवारों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, लेकिन अभी भी 65 हजार परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनने बाकी हैं. इस अभियान में आशा बहन आंगनवाड़ी के साथ-साथ ग्राम प्रधान, राशन डीलर एवं ग्राम सहयोग और ग्राम सेवक की मदद ली जाएगी.

मैनपुरी में 65 हजार परिवारों के बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड.
मैनपुरी में 65 हजार परिवारों के बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड.

डीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य योजना के प्रत्येक लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड बनाना है, जिन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य पत्र, प्रधानमंत्री प्लास्टिक कार्ड या मुख्यमंत्री जन आरोग्य पत्र प्राप्त हुए हैं. क्योंकि, अधिकांश लोग इन पत्रों को ही आयुष्मान कार्ड मानते हैं, जबकि इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड की आवश्यकता होती है. उपरोक्त लाभार्थी को सूचना मात्र जिसमें लाभार्थी परिवार का विवरण होता है. प्रत्येक लाभार्थी से अपील है कि वह अपने परिवार के सदस्यों का आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवा कर रखें क्योंकि तत्काल आपको उपचार की आवश्यकता होती है और आपके पास पत्र तो उपलब्ध है, लेकिन बिना आयुष्मान कार्ड के उपचार नहीं मिल सकता. आयुष्मान कार्ड बनने में समय लगता है. लिहाजा, प्रत्येक लाभार्थी अपने गांव में लगे शिविर, जनसेवा केंद्र या आयुष्मान भारत से जुड़े हुए राजकीय निजी चिकित्सालय में जाकर आयुष्मान कार्ड नि:शुल्क बनवा सकता है.

इसे भी पढ़ें-आयुष्मान भारत: नहीं बना 80 पर्सेंट लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड

ऐसे मिलेगा आयुष्मान गोल्डन कार्ड का लाभ
आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लाभार्ती 5 लाख तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे. इसके तहत लाभार्थी परिवार के सदस्य को हर साल सरकार इलाज कराने के लिए 5 लाख रुपये तक की राशि देती है. गोल्डन कार्ड के जरिए बीमा की राशि मिलती है. इस कार्ड से बीमार मरीज पूरे देश के किसी भी संबंद्ध अस्पताल में नि:शुल्क दवा, जांच और इलाज आदि की सुविधा ले सकते हैं.

मैनपुरीः जिले में 26 जुलाई से 9 अगस्त के मध्य फिर से श्रमिकों के प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत आयुष्मान गोल्डन कार्ड (ayushman golden card) बनाए जाएंगे. जिले में नि:शुल्क इलाज की सुविधा देने के लिहाज से एक लाख दस हजार परिवारों को गोल्डन कार्ड मुहैया कराकर लाभ देने की योजना थी, जिसके सापेक्ष 45280 परिवारों के आयुष्मान कार्ड पहले ही बन चुके हैं. शेष 65 हजार परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनने अभी बाकी हैं. लिहाजा, फिर से प्रक्रिया को अमल में लाकर वंचित परिवारों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा. इसी प्रकार सात हजार श्रमिकों के भी गोल्डन कार्ड जारी किए जाएंगे .

जिलाधिकारी मैनपुरी महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) के तहत गोल्डन कार्ड (Golden Card) बनवाने का विशेष अभियान 26 जुलाई से पुनः शुरू किया जा रहा है. यह अभियान 9 अगस्त तक चलेगा. इसके तहत बाकायदा प्रत्येक गांव में शिविर लगाया जाएगा. इसमें गांव के उन लाभार्थी परिवारों के निशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे, जिन परिवारों का अभी तक एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है. लाभार्थी परिवार के कम से कम एक सदस्य का गोल्डन कार्ड बनना जरूरी है. डीएम के मुताबिक, जनपद में एक लाख परिवारों के सापेक्ष 45280 परिवारों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, लेकिन अभी भी 65 हजार परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनने बाकी हैं. इस अभियान में आशा बहन आंगनवाड़ी के साथ-साथ ग्राम प्रधान, राशन डीलर एवं ग्राम सहयोग और ग्राम सेवक की मदद ली जाएगी.

मैनपुरी में 65 हजार परिवारों के बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड.
मैनपुरी में 65 हजार परिवारों के बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड.

डीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य योजना के प्रत्येक लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड बनाना है, जिन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य पत्र, प्रधानमंत्री प्लास्टिक कार्ड या मुख्यमंत्री जन आरोग्य पत्र प्राप्त हुए हैं. क्योंकि, अधिकांश लोग इन पत्रों को ही आयुष्मान कार्ड मानते हैं, जबकि इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड की आवश्यकता होती है. उपरोक्त लाभार्थी को सूचना मात्र जिसमें लाभार्थी परिवार का विवरण होता है. प्रत्येक लाभार्थी से अपील है कि वह अपने परिवार के सदस्यों का आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवा कर रखें क्योंकि तत्काल आपको उपचार की आवश्यकता होती है और आपके पास पत्र तो उपलब्ध है, लेकिन बिना आयुष्मान कार्ड के उपचार नहीं मिल सकता. आयुष्मान कार्ड बनने में समय लगता है. लिहाजा, प्रत्येक लाभार्थी अपने गांव में लगे शिविर, जनसेवा केंद्र या आयुष्मान भारत से जुड़े हुए राजकीय निजी चिकित्सालय में जाकर आयुष्मान कार्ड नि:शुल्क बनवा सकता है.

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ऐसे मिलेगा आयुष्मान गोल्डन कार्ड का लाभ
आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लाभार्ती 5 लाख तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे. इसके तहत लाभार्थी परिवार के सदस्य को हर साल सरकार इलाज कराने के लिए 5 लाख रुपये तक की राशि देती है. गोल्डन कार्ड के जरिए बीमा की राशि मिलती है. इस कार्ड से बीमार मरीज पूरे देश के किसी भी संबंद्ध अस्पताल में नि:शुल्क दवा, जांच और इलाज आदि की सुविधा ले सकते हैं.

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