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महोबा: किसानों के सामने बड़ा संकट, नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न - यूपी की खबरें

उत्तर प्रदेश के महोबा में अर्जुन सहायक परियोजना से नहर का निर्माण किया गया था. बारिश के कारण नहर में पानी बढ़ गया और नहर टूट गई. इस कारण से पानी खेतों में भर गया, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो गई है. नहर टूटने की जानकारी मिलते ही किसान मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को सूचना दी.

नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न.
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Published : Sep 24, 2019, 5:43 PM IST

महोबा: योगी सरकार की 2700 करोड़ की लागत से बन रही अर्जुन सहायक परियोजना के कार्य की गुणवत्ता पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जमीनी स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है. एक बार फिर नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जलमग्न हो गई है, जिससे सैकड़ों किसान बर्बादी की कगार पर आ गए हैं.

जानकारी देते किसान.


सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न
मामला पनवाड़ी थाना क्षेत्र भरवारा गांव के पास का है, जहां बीती रात 3 बजे नहर में पानी बढ़ने से अचानक नहर टूट गई और देखते ही आसपास का इलाका जलमग्न हो गया. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पानी में डूब गई. नहर टूटने की जानकारी मिलते ही किसान मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.


2700 करोड़ परियोजना का बजट
इससे किसानों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है. 2009 में 850 करोड़ की लागत से शुरू हुई अर्जुन सहायक परियोजना 2015 में 2593 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. इसके बाद फिर से योगी सरकार ने 161 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया. अगर इस योजना का पूरा बजट देखा जाए तो लगभग 2700 करोड़ का है, लेकिन इसके बावजूद भी कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका.

पढ़ें- महोबाः झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क बही, एनएचएआई की खुली पोल


अधिशाषी अभियंता ने मुआवजे देने की कही बात
किसानों ने बताया कि अर्जुन सहायक परियोजना से नहर का निर्माण किया गया था. बारिश के कारण नहर टूट गई जिसका पानी खेतों में भर गया जिससे पूरी फसल बर्बाद हो गई है. हालांकि बाद में सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता अपने कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे और जल्द से जल्द नहर ठीक कराने और सर्वे करा किसानों को मुआवजा देने की बात कही.

महोबा: योगी सरकार की 2700 करोड़ की लागत से बन रही अर्जुन सहायक परियोजना के कार्य की गुणवत्ता पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जमीनी स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है. एक बार फिर नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जलमग्न हो गई है, जिससे सैकड़ों किसान बर्बादी की कगार पर आ गए हैं.

जानकारी देते किसान.


सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न
मामला पनवाड़ी थाना क्षेत्र भरवारा गांव के पास का है, जहां बीती रात 3 बजे नहर में पानी बढ़ने से अचानक नहर टूट गई और देखते ही आसपास का इलाका जलमग्न हो गया. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पानी में डूब गई. नहर टूटने की जानकारी मिलते ही किसान मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.


2700 करोड़ परियोजना का बजट
इससे किसानों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है. 2009 में 850 करोड़ की लागत से शुरू हुई अर्जुन सहायक परियोजना 2015 में 2593 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. इसके बाद फिर से योगी सरकार ने 161 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया. अगर इस योजना का पूरा बजट देखा जाए तो लगभग 2700 करोड़ का है, लेकिन इसके बावजूद भी कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका.

पढ़ें- महोबाः झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क बही, एनएचएआई की खुली पोल


अधिशाषी अभियंता ने मुआवजे देने की कही बात
किसानों ने बताया कि अर्जुन सहायक परियोजना से नहर का निर्माण किया गया था. बारिश के कारण नहर टूट गई जिसका पानी खेतों में भर गया जिससे पूरी फसल बर्बाद हो गई है. हालांकि बाद में सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता अपने कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे और जल्द से जल्द नहर ठीक कराने और सर्वे करा किसानों को मुआवजा देने की बात कही.

Intro:ANCHOR - योगी सरकार की 2700 करोड़ों की लागत से बन रही अर्जुन सहायक परियोजना के कार्य की गुणवत्ता पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। और सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जमीनी स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है। जहाँ एक बार फिर नहर टूटने से हजारों एकड़ में लगी फसल जलमग्न हो गई है। जिससे सैकड़ों किसान बर्बादी की कगार पर आ गए हैं। और प्रशासनिक जम्मेदार अपनी गलती पर पानी फेरते नजर आ रहे है।

Body:V/O - मामला पनवाड़ी थाना क्षेत्र भरवारा गाँव के पास का है जहाँ बीती रात 3 बजे नहर में पानी बढ़ने से अचानक नहर टूट गई और देखते ही आसपास का इलाका जलमंग हो गया। सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पानी में डूब गई। नहर टूटने की जानकारी मिलते ही किसान मौके पर पहुंच गए । और प्रशाषनिक अधिकारियों को जानकारी दी। लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जिससे किसानों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। 2009 में 850 करोड़ की लागत से शुरू हुई अर्जुन सहायक परियोजना 2015 में 2593 करोड़ रुपए तक पहुंच गई इसके बाद फिर से योगी सरकार ने 161 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया। अगर इस योजना का पूरा बजट देखा जाए तो लगभग 2700 करोड़ का है। लेकिन इसके बावजूद भी प्रशाषनिक जिम्मेवार इस परियोजना को पलीता लगा रहे हैं। और कछुआ चाल से चल रहा कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका।

किसानों ने बताया कि अर्जुन सहायक परियोजना से नहर का निर्माण किया गया था। बारिश के कारण नहर टूट गई जिसका पानी खेतों में भर गया जिससे पूरी फसल बर्बाद हो गई है।
बाइट- भगवान दास (किसान)
बाइट- चरन सिंह राजपूत (किसान)

Conclusion:BYTE:- अखिलेश यादव (अधिशाषी अभियंता)
हालांकि बाद में सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता अपने कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुँचे और जल्द से जल्द नहर ठीक कराने और सर्वे करा किसानों को मुआवजा देने की बात कही।

तेज प्रताप सिंह
महोबा यूपी
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