महोबा: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री यूपी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) गुरुवार को महोबा दौरा पर थे. यहां पर उन्होंने, योगी सरकार को कई मसलों पर आड़े हाथों लिया. खासकर, प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत को योगी सरकार की विफलता बताया. कहा-बीजेपी शासन में सबसे ज्यादा साधु-संतों और ब्राह्मणों की हत्या (murder of saints) हुई है. लिहाजा, नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत की निष्पक्ष जांच हाईकोर्ट (High Court) के सिटिंग जज से कराई जाए. सपा अध्यक्ष ने दावा किया पार्टी आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव (2022 assembly elections) में 400 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएगी.
दरअसल, सपा अध्यक्ष गुरुवार को अपने बचपन के मित्र क्रेशर व्यवसायी गौतम शर्मा के निवास पर आयोजित (तेरहवीं) कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुन्देलखण्ड के महोबा पहुंचे थे. गौतम शर्मा के पिता स्वर्गीय प्रेमनाथ शर्मा का बीते दिनों स्वर्गवास हो गया था. स्वर्गीय प्रेमनाथ शर्मा महोबा जिले के पहले क्रेशर व्यवसायी बताए जाते हैं. जिन्होंने महोबा जिले के कबरई में पहली स्टोन क्रेशर लगाई थी. अखिलेश ने दिवंगत स्वर्गीय प्रेमनाथ शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की. महोबा पहुंचते ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव का जगह-जगह जोरदार स्वागत किया. उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. कहा क्रेशर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या में शामिल फरार एसपी मणीलाल पाटीदार को प्रदेश सरकार अब तक नहीं ढूढ़ पाई.
अखिलेश यादव ने कहा उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी 400 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कानून व्यवस्था के मामले में योगी सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. सरकार अपराध नियंत्रण को लेकर खुद की वाहवाही कर रही है, जबकि हाल ही में जारी एनसीआरबी के आंकड़े सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं. अधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार जातीय दंगों में 50 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि परस्पर ग्रुपों में आपसी विद्वेष उकसाने के 70 प्रतिशत मामले दर्ज हुए हैं. अपराधों की बाढ़ यह बताने के लिए काफी है अपराधियों को सत्ता का संरक्षण है. इस सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को पैदल चलने पर मजबूर कर दिया. लोगों का रोजगार छिन गया और उनके सामने रोजी रोटी का संकट आ गया. लेकिन ये सरकार कोरोना काल में बेहतर इंतजाम के लिए खुद की पीठ थपथपाती रही. प्रदेशभर में अन्ना जानवर किसानों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं. सड़कों पर घूम रहे जानवर हादसों की वजह बन रहे हैं.
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आखिरी में अखिलेश यादव ने योगी सरकार में सबसे ज्यादा ब्राह्मणों की हत्याएं होने का आरोप लगाया. कहा इस सरकार के दौरान सबसे ज्यादा साधु महन्तों की हत्या की गई. उन्होंने कहा योगी सरकार ने बुंदेलखंड में जल परियोजनाओं को लेकर पैसा पानी की तरह बहाया, लेकिन लोगों को अभी तक पानी नहीं मुहैया हो पाया. साढ़े चार साल की भाजपा सरकार ने जनहित की एक भी उल्लेखनीय योजना न शुरू की, न ही पूरा किया. समाजवादी सरकार के कामों को ही अपना बताकर समय बिताया और विज्ञापनों में अपनी पीठ थपथपाते रहे, लेकिन जनता अब जानना चाहती है कि, मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ जीरों टाॅलरेंस की जो बड़ी-बड़ी बातें की थीं, उन पर कितना अमल हुआ. यदि नहीं हुआ तो क्या मुख्यमंत्री उसकी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेंगे?