महोबा : महोबा जिला अस्पताल के सीएमएस कार्यालय के नजदीक बड़ी संख्या में पड़ी खाली शराब की बोतलें और गंदगी प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट भारत स्वच्छता अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है. शराब की खाली बोतलें इतना बताने के लिए काफी हैं कि महोबा अस्पताल में तैनात कई कर्मचारी किस कदर शराब में डूबे रहते हैं. शराब पीकर तीमारदारों से बदसलूकी के कई ममले पूर्व में भी यहां सामने आ चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ऐसे गंभीर मामलों में कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा.
जानकार लोग बताते हैं कि जिला अस्पताल में तैनात कई कर्मचारी और बाबू ड्यूटी के दौरान बाहरी लोगों को बुलाकर शराब के जाम छलकाते है. हद तो तब हो जाती है जब नशे में ही यहां आने वाले मरीजों और तीमारदारों के साथ बदसलूकी जैसी घटना घटित हो जाती हैं. ऐसा नहीं है कि ऐसी घटनाओं से जिम्मेदार वाकिफ नहीं है, बल्कि जान कर अंजान बनने का सिलसिला जिला अस्पताल में बदस्तूर जारी है. अस्पताल के सीएमएस डॉ० आर पी मिश्रा बताते हैं कि कुछ अराजक तक बाहर से आकर इस तरीके की गंदगी और शराब आदि पीने का काम कर रहे हैं, इस पर नकेल कसने के लिए जल्द ही काम किया जाएगा. लेकिन सीएमएस साहब को कौन बताए कि जिला अस्पताल के अंदर उनके ही कई कर्मचारी और बाबू खुद बाहरी अराजकतत्वों व दलालों के साथ शराब पीने और पिलाने का काम कर रहे हैं.
समाजसेवी तारा पाटकार बताते हैं कि जिला अस्पताल में गंदगी होना बीमारियों को दावत देने जैसा है, जबकि स्वास्थ्य महकमा दावा करता है कि जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन आसपास फैली गंदगी शराब की पड़ी खाली बोतलें बीमारियों को दावत दे रही हैं. इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों और तीमारदारों को भी काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं.
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लोग दबी जुबान से बताते हैं कि अस्पताल में तैनात कर्मचारी शराब पीकर कई बार महिला तीमारदारों के साथ बदसलूकी तक कर डालते हैं. पूर्व में भी एक ऐसा मामला सामने आ चुका है. इस पूरे मामले को लेकर सीएमएस ने जांच की बात कही है, लेकिन इतना तो साफ है कि महोबा जिला अस्पताल में प्रधानमंत्री के सपने पर ही सरकारी मशीनरी द्वारा पानी फेरने का काम किया जा रहा है.