महोबा: बीते कई वर्षों से लगातार बुंदेलखंड का किसान दैवीय आपदाओं के साथ-साथ अन्ना जानवरों की समस्या से खासा परेशान है. योगी सरकार बनने के बाद किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख किसानों को अन्ना जानवरों से निजात दिलाना है.
अन्ना जानवरों की समस्या को देखते हुए सरकार करोडों रुपये की लागत से कान्हा गोशालाओं का निर्माण करवा रही है, लेकिन भृष्ट और लापरवाह तंत्र के चलते कान्हा गोशालाओं के निर्माण में ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर धांधली की जा रही है.
मानकों के विपरीत किया जा रहा कार्य
जिले के कबरई कस्बे में कान्हा गोशाला का निर्माण डेढ़ करोड़ से अधिक की लागत से किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार द्वारा मानकों के विपरीत कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य में मौरंग (बालू) की जगह डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है. गोशाला के निर्माण में मानकों की अनदेखी को लेकर जिलाधिकारी अवधेश तिवारी ने स्वयं औचक निरीक्षण कर ठेकेदार को फटकार लगाई थी.
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डीएम की फटकार के बावजूद ठेकेदार प्रतिबंधित डस्ट लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. भाजपा सरकार एक ओर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर ठेकेदार सरकारी नुमाइंदों से सांठगांठ कर सरकारी धन का जमकर बंदरबांट कर रहे हैं. सरकारी निर्माण कार्य में जमकर धांधली कर रहे हैं.
नगर पंचायतों और नगर पालिका में एक -एक कान्हा गोशाला बननी है. 1 करोड़ 64 लाख की लागत से दो शेड चरनी बननी है. कबरई में मैंने निरीक्षण किया था. इनका काम धीमी गति से चल रहा था और मौके पर पाया था कि डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है. उनकी धनराशि में से कटौती की जाएगी और चेतावनी दी थी कि भविष्य में डस्ट का प्रयोग नहीं किया जाएगा.
-अवधेश तिवारी, डीएम