महोबा: जिले के कीरत सागर तट में मूर्तियों को गड्ढों पर दबवाने की सूचना पर बवाल खड़ा हो गया. प्रशासन द्वारा मूर्ति दबवाए जाने की व्यवस्था पर हिंदू संगठन ने विरोध जताया. मूर्ति विसर्जन को लेकर प्रशासन व हिंदू संगठन आमने-सामने आ गए. हिंदू संगठनों के विरोध को देखते हुए पॉलिथीन, फूल, जवारे आदि को गड्ढे में दबाने के बाद मूर्तियों को तालाब में विसर्जित करने पर सहमति बनी.तब जाकर मामला शांत हुआ है.
शारदीय नवरात्र पर्व की समाप्ति के बाद 15 अक्टूबर को कुछ लोगों ने मूर्तियों को तलाब में विसर्जन कीं, जिसमें एनजीटी के नियम की अनदेखी बताई गई. लिहाजा, नगर पालिका प्रशासन महोबा ने तकरीबन 120 मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए तालाब के पास जेसीबी लगाकर एक बड़ा गड्ढा खुदवाया. मूर्तियों को मिट्टी में दबवाने की व्यवस्था की खबर जैसे ही हिंदू संगठनों को लगी तो बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकठ्ठा हो गए. सभी ने मूर्तियों को दबाने का कड़ा विरोध किया. मूर्तियों को तालाब में ही विसर्जित करने की जिद पर हिंदू संगठन अड़े रहे, जिसके बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा और एनजीटी के नियमों के तहत मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की बात कही गई.
इसे भी पढ़ें-इन राशि वालों को आज रखना होगा वाणी पर संयम , जानें 'आज का राशिफल'
नगर पालिका के प्रभारी ईओ व उपजिलाधिकारी सौरभ पांडेय के मुताबिक विवाद की कोई स्थिति नहीं है. पालिका प्रशासन ने मूर्ति के साथ आने वाली पॉलिथीन, फूल माला और जवारे आदि अन्य सामग्री को गड्ढे में दफनाने पर सहमति बनाई है. बाकी देवी प्रतिमाओं को नगरपालिका कर्मचारी एनजीटी नियमों के अनुसार विसर्जित करेंगे. नगर पालिका के आश्वासन के बाद आखिरकार हिंदू संगठन शांत हुए.