महोबा: बुंदेलखंड के महोबा जनपद में बीते 9 वर्ष पूर्व तालाब में 3 शव मिलने से आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया था. जिसमें वर्तमान सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष, पूर्व विधायक सहित करीब 100 लोगों पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, पुलिस विरोधी नारे लगाने तथा प्रमुख मार्ग जाम कर यातायात व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने के आरोप में संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में कोर्ट ने बीते शनिवार को करीब 12 से अधिक लोगों को सम्मन एवं वॉरण्ट जारी किया है.
मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के कल्याण सागर तालाब का है, जहां पर शहर के गांधी नगर निवासी संजय सिंह के पुत्र जय सिंह, पुत्री रिया सिंह और साला दीपक सिंह 15 अगस्त 2012 को लापता हो गये थे. इन तीनों बच्चों के शव 17 अगस्त 2012 को कल्याण सागर तालाब में तैरते मिले थे. जिसके बाद पीड़ित पिता संजय सिंह की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध शहर कोतवाली में धारा 364, 302, 201 आईपीसी के तहत अज्ञात के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया था. बच्चों की मौत को लेकर शहर में आक्रोश पनप गया था, जिसमें उस समय विविध संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों और राजनीतिक व्यक्तियों तथा जनप्रतिनिधियों ने एक राय होकर पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए भीड़ को उकसाकर तीनों बच्चों के शवों को उठाकर सड़क पर रख दिया था और जाम लगाया था.
इस मामले में तत्कालीन शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार कौशिक द्वारा 5 सितम्बर 2012 को धारा 147, 342, 352, 504, 353 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ अमेटमेण्ट एक्ट के तहत नगर पालिकाध्यक्ष पुष्पा अनुरागी, भाजपा नेता पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल (सांसद- हमीरपुर-महोबा), पूर्व विधायक अरिमर्दन सिंह सहित करीब 100 लोगों पर अभियोग पंजीकृत किया था, जिसमें अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी की अदालत ने वर्तमान सांसद, पूर्व विधायक समेत 12 से अधिक लोगों को सम्मन एवं वॉरण्ट भेजा है. वॉरण्ट जारी होने के बाद जिले के जनप्रतिनिधि और अन्य नेताओं में हड़कंप मच गया है.